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राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की मुसीबतें बढ़ीं, नहीं कामयाब हो पाई ये बड़ी चाल
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन बाजी अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
अंशुमान तिवारी
वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन बाजी अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। देश में कोरोना का जबर्दस्त कहर होने के कारण 50 फीसदी से अधिक वोटिंग डाक से होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोस्टल वोटिंग को प्रभावित करने की कोशिश फेल साबित होती दिख रही है।
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नहीं लागू हो सके बदलाव
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप डाक से वोटिंग के खिलाफ हैं और वे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि डाक से वोटिंग होने पर फर्जी वोटों से चुनाव प्रभावित हो सकता है। ट्रंप पर पोस्टल सर्विस को कमजोर करने का आरोप लग रहा है ताकि उनके विरोधी मतदान न कर सकें। इस बीच यूएस पोस्टल सर्विस के पोस्टमास्टर जनरल लुइस डीजॉय ने उन सभी बदलावों को रद्द कर दिया है जो राष्ट्रपति ट्रंप लागू करने वाले थे।
ट्रंप ने उठाया था ये कदम
ट्रंप ने पोस्टऑफिसों से प्रोसेसिंग उपकरण और जगह-जगह लगे नीले रंग के पोस्टल कलेक्शन बॉक्स हटाने का आदेश दिया था। उन्होंने मेल प्रोसेसिंग सेवा बंद करने और कर्मचारियों के ओवरटाइम पर पाबंदी लगाने की भी बात कही थी।
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ट्रंप की कोशिशों का विरोध
ट्रंप की इन कोशिशों के बाद विपक्ष विरोध पर उतर आया और आरोप लगाया कि यदि इन कदमों पर अमल किया गया तो ट्रंप के खिलाफ पड़ने वाले वोटों की संख्या कम हो जाएगी। इसके बाद पोस्ट मास्टर जनरल की ओर से कदम उठाया गया है जिससे ट्रंप की मंशा अब पूरी नहीं हो सकेगी।
डाक से होगी 50 फीसदी वोटिंग
अमेरिका में कोरोना का जबर्दस्त संक्रमण है और संक्रमित मरीजों की संख्या 57 लाख से ऊपर पहुंच गई है। इस बार के चुनाव में माना जा रहा है कि 50 फ़ीसदी से अधिक वोटिंग डाक से ही होगी।
इन राज्यों की चुनाव में बड़ी भूमिका
जानकारों का कहना है कि टेक्सास, विंस्कांसिन और मिशिगन जैसे राज्य चुनावी बिसात को पूरी तरह पलटने में सक्षम है क्योंकि यहां स्विंग वोटर्स की संख्या अधिक मानी जा रही है। इन राज्यों में ऐसे वोटर्स की संख्या काफी ज्यादा है जो किसी भी पार्टी के समर्थक नहीं हैं। इसलिए ये राज्य चुनावी नतीजों को काफी हद तक प्रभावित करेंगे।
अश्वेतों के समर्थन की उम्मीद नहीं
ट्रंप को उन इलाकों में चुनावी झटके लगने की उम्मीद है जहां अश्वेतों की संख्या ज्यादा है। माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में ट्रंप को अश्वेतों का समर्थन नहीं हासिल होगा। ऐसे में अगर पोस्टल वोटिंग को प्रभावित करने की ट्रंप की योजनाएं सफल हो जातीं तो विपक्ष को करारा झटका लग सकता था।
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विपक्ष में पड़ने वाले वोट पोस्टल बॉक्स हटा देने की वजह से डाक के माध्यम से नहीं पड़ पाते। अगर वोट पड़ भी गए होते तो प्रोसेसिंग उपकरण हटा लेने की वजह से डाक मतपत्रों की शार्टिंग और क्लीयरिंग में देरी होती और वे समय से काउंटिंग के लिए नहीं पहुंच पाते।
हिंदू मतदाताओं पर खास नजर
राष्ट्रपति चुनाव में विजय हासिल करने के लिए ट्रंप और बिडेन हिंदुओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि दोनों प्रत्याशियों और उनकी प्रचार टीम को इस बात का एहसास है कि हिंदू मतदाता इस बार के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को काफी हद तक प्रभावित करेंगे।
ट्रंप ने वादा किया है कि अगर वे चुनाव जीतने में कामयाब हुए तो हिंदुओं की धार्मिक आस्था की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए काम करेंगे। ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेट उम्मीदवार बिडेन भी हिंदू समुदाय को रिझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और उनके प्रचार अभियान में जुटी टीम ने हिंदू समुदाय से संपर्क साधने को प्राथमिकता दी है।
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