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कोरोना वायरस पर चीन ने बोला झूठ! सामने आया चौंकाने वाला सच, दुनिया में फैली सनसनी

चीन में कोरोना वायरस से अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं और इस वायरस से अब तक करीब 42,000 लो संक्रमित हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चीन की सरकार ने कई कदम उठाया है।

Dharmendra kumar
Published on: 12 Feb 2020 2:53 PM GMT
कोरोना वायरस पर चीन ने बोला झूठ! सामने आया चौंकाने वाला सच, दुनिया में फैली सनसनी
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नई दिल्ली: चीन में कोरोना वायरस से अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं और इस वायरस से अब तक करीब 42,000 लो संक्रमित हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए चीन की सरकार ने कई कदम उठाया है, लेकिन पारदर्शिता ना होने की वजह से उसकी भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।

अमेरिका के सांसद टॉम कॉटन ने कोरोना वायरस के फैलने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को जिम्मेदार बताया है। अमेरिकी सांसद का कहना है कि यह वायरस मानवनिर्मित जैवहथियार हो सकता है जो संभवत: 'वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी' से लीक हो गया है। टॉम कॉटन ने चीनी प्रशासन को अपने दावे को गलत साबित करने की चुनौती भी दी है।

कोरोना वायरस की उत्पत्ति से लेकर संक्रमण फैलने तक चीन की भूमिका कहीं न कहीं संदिग्ध है। चीन ने शुरुआत में दावा किया था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर की फिश मार्केट से निकला है, लेकिन तमाम सबूत इस दावे के खिलाफ हैं। चीनी अधिकारी अभी तक खुद वायरस की उत्पत्ति को लेकर आश्वस्त नहीं है जिसकी वजह से अमेरिकी सांसद कॉटन समेत कई वैज्ञानिकों ने ऐसा संदेह जताया है। कुछ दिनों पहले ही चीन जीन एडिटिंग को लेकर सवालों के घेरे में आया था।

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यह भी शंका जताई जा रही है कि चीन वायरस से हुई मौतों के आंकड़ों को भी छिपा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वुहान में इतनी लाशें आ रही हैं कि शवदाह गृहों में मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं।

अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन ने इन वजहों से भी चीन की मंशा पर शक जता रहे हैं। अमेरिका सैन्य नेताओं के सामने दिए भाषण में उन्होंने वुहान की प्रयोगशाला को सुपर लैबोरेटरी कहा। उनका मानना है कि ये वायरस इसी लैब में जैवहथियार बनाने के लिए हो रहे किसी प्रयोग का हिस्सा है।

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अमेरिकी सांसद ने कहा कि शुरुआती 40 मामलों में से 14 का सीफूड मार्केट से कोई लेना-देना नहीं था। मैं ये कहना चाहूंगा कि वुहान चीन की इकलौती जैवसुरक्षा से लैस लेवल 4 की सुपर लैब है जहां दुनिया के खतरनाक वायरसों पर भी काम किया जाता है और हां इसमें कोरोना वायरस भी शामिल हो सकता है।

टॉम कॉटन ने कहा कि चीन ने 6 करोड़ लोगों को अलग-थलग कर उन्हें कैद करके रख दिया गया है, ये आबादी हमारे वेस्ट कोस्ट की आबादी से भी ज्यादा है। उन्होंने स्कूल बंद कर दिए हैं, हॉन्ग कॉन्ग ने मुख्यभूमि चीन के लिए यात्रा पर रोक लगा दी है। अब हमें भी चीन और अमेरिका के बीच सभी कॉमर्शल फ्लाइट्स को बंद कर देना चाहिए।

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अमेरिकी सांसद ने कहा, डॉ. ली ने अपने देश और दुनिया को कोराना वायरस से बचाने की कोशिश की लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उन्हें चुप करा दिया। अब उनके हाथ डॉक्टर के खून से रंग गए हैं।

अगर कोरोना वायरस वुहान लैब से लीक हुआ है तो यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी चीन की लैब से कई खतरनाक वायरस फैल चुके हैं। 2004 में बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी से SARS लीक हुआ था जहां शोधकर्ता बीमारी पर प्रयोग कर रहे थे। लेकिन चीनी अधिकारियों ने अमेरिकी सांसद के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

Dharmendra kumar

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