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इस कंपनी की कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी सफल, जानिए कब तक आएगी

फाइजर के चेयरमैन और सीईओ डॉ. अल्बर्ट बौरला ने कहा है, ‘आज का दिन मानवता और विज्ञान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में सामने आए परिणामों से पता चलता है कि इस वैक्सीन में कोविड-19 वायरस को रोकने की क्षमता है।

Newstrack
Published on: 9 Nov 2020 6:24 PM GMT
इस कंपनी की कोरोना वैक्सीन 90 फीसदी सफल, जानिए कब तक आएगी
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डॉ. अल्बर्ट ने कहा कि वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोग्राम में यह सफलता ऐसे समय में मिली है जब पूरी दुनिया को इस वैक्सीन की जरूरत है।

लखनऊ: अमेरिका की दिग्गज दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की बायोटेक फर्म बायोएनटेक ने दावा किया है कि उनकी बनाई वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव में 90 फीसदी से ज्यादा असरदार है। इन कंपनियों का कहना है कि उनकी वैक्सीन उन लोगों के इलाज में भी सफल हुई है जिनमें कोरोना के लक्षण पहले से दिखाई नहीं दे रहे थे।

मानवता के लिए महत्वपूर्ण दिन

फाइजर के चेयरमैन और सीईओ डॉ. अल्बर्ट बौरला ने कहा है, ‘आज का दिन मानवता और विज्ञान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल में सामने आए परिणामों से पता चलता है कि इस वैक्सीन में कोविड-19 वायरस को रोकने की क्षमता है।

डॉ. अल्बर्ट ने कहा कि वैक्सीन डेवलपमेंट प्रोग्राम में यह सफलता ऐसे समय में मिली है जब पूरी दुनिया को इस वैक्सीन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों में भरोसा जगाने के लिए वे खुद सबसे पहले सार्वजानिक रूप से ये वैक्सीन लगवाएंगे। फाइजर इस महीने के अंत तक वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति पाने के लिए आपात आवेदन करेगी।

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Coronavirus Vaccine

ट्रायल जारी रहेगा

फाइजर की वैक्सीन का परीक्षण तब तक जारी रहेगा जब तक कम से कम 164 मामलों में पॉजिटिव रिजल्ट पुष्ट नहीं हो जाता। इसलिए इसकी प्रभाविता दर में बदलाव आने की अभी संभावना है। फिर भी संक्रमण को रोकने के लिए 90 फीसदी प्रभाविता बहुत बड़ी बात है। इस वैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण अमेरिका, ब्राज़ील, जर्मनी, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ़्रीका और तुर्की में 43 हजार से ज्यादा लोगों पर किया जा रहा है।

इस वैक्सीन के तीन सप्ताह के भीतर दो डोज़ लेने होंगे। फ़ाइज़र को उम्मीद है कि वो इस साल के अंत तक इस वैक्सीन के पांच करोड़ डोज़ उपलब्ध करा सकेगी और साल 2021 के अंत तक 1.3 अरब डोज़ तैयार हो सकेंगे।

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कुछ चुनौतियां भी हैं

फाइजर की इस वैक्सीन को लेकर कुछ लॉजिस्टिक चुनौतियां भी आएंगी। इसे शून्य से 80 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान पर ही रखना होगा। इसके अलावा अभी इस बात को लेकर भी सवाल हैं कि प्रतिरोधक क्षमता का असर कब तक रहेगा और अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों पर इसका असर क्या होगा। इस बारे में भी कंपनी ने अभी जानकारी नहीं दी है। अभी जो डाटा पेश किया गया है वो अंतिम विश्लेषण नहीं है। ये उन पहले 94 स्वयंसेवकों के डेटा पर आधारित है जो कोविड पॉजिटिव पाए गए थे।

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कंपनी का कहना है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह में वो अपनी वैक्सीन को नियामकों के पास ले जाने की स्थिति में होगी। तब तक देश इस वैक्सीन को लेकर अपने अभियान नहीं चला सकेंगे। ब्रिटेन पहले ही फाइजर की तीन करोड़ डोज़ का ऑर्डर दे चुका है।

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