Engine Maintenance Tips: अपने व्हीकल में इंजन ट्यूनिंग करवाना पड़ सकता है महंगा, दिक्कतों से बचने के लिए करें ये उपाय

Car Bike Engine Maintenance Tips: जब हम अपने वाहन की परफॉर्मेंस में सुधार करने की सोचते हैं, तो इंजन ट्यूनिंग एक आम विकल्प हो सकता है। हालांकि, इंजन ट्यूनिंग के लिए विशेषज्ञों की मदद लेना आवश्यक है ताकि सही सेटिंग की गारंटी हो सके।

Update:2023-06-02 20:11 IST
Car Bike Engine Maintenance Tips (social media)

Car Bike Engine Maintenance Tips: पूरे देश में डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने लोगों के मंथली बजट पर जैसे डकैती डाल दी हो। पहले की तुलना में अब व्हीकल से भाग दौड़ करने में आने वाले खर्च में लगभग दुगुनी बढ़ोतरी होती देखी जा रही है। जिसके चलते अब लोग आवागमन करने के लिए सस्ते विकल्प तलाशने के लिए मजबूर हो चुके हैं। अपने व्हीकल को फ्यूल एफिशिएंट बनाने के लिए अक्सर लोग इंजन ट्यूनिंग प्रक्रिया को अपनाने लगें हैं। जब की यह प्रक्रिया आपकी गाड़ी साथ में उसके इंजन के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती है। अगर आप भी इस तरह की सेटिंग को अपने व्हीकल में भी इंप्लीमेंट करवाने के लिए सोच रहें हैं तो जरा संभल जाइए। इस खबर के माध्यम से आपको हम इस सेटिंग करने के बाद आपको होने वाले संभावित नुकसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही ऐसे सुझाव भी बता रहे हैं कि आप कैसे अपनी गाड़ी को थोड़ी बहुत सावधानी और देखभाल से फ्यूल एफिशिएंट बना सकते हैं। जानते हैं विस्तार से.......

उठाना पड़ सकता है आर्थिक नुकसान

किसी व्हीकल का इंजन सीज हो जाना व्हीकल की लाइफ पर बहुत बुरा असर डालता है और आर्थिक नुकसान का सबब बनता है। इंजन ट्यूनिंग से व्हीकल को फ्यूल एफिशिएंट बनाने के प्रयास में ट्यूनिंग में बदलाव किए जाने पर पेट्रोल केवल बहुत कम मात्रा में इंजन तक पहुंचता है। इस वजह से व्हीकल के इंजन को अपनी क्षमता से अधिक लोड उठाना पड़ता है। जिस वजह से इंजन जल्दी हीअप हो जाता है। जल्दी गर्म होने और लंबे समय तक हाई टंपरेचर के कारण आग लगने जैसी भी घटनाएं घट सकती हैं और इंजन को काफी अधिक नुकसान होता है, जिससे इंजन सीज हो सकता है। इंजन सीज होने के बाद आपको काफ़ी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

भीड़ भाड़ वाली जगहों पर आ सकती है दिक्कतें

इंजन ट्यूनिंग की सेटिंग पूरी हो जाने के बाद आपकी बाइक या स्कूटर भले ही माइलेज ज्यादा दे रही हो लेकिन इस प्रक्रिया से भीड़ भाड़ वाली जगह जहां बहुत ज्यादा एक्सीलेटर लेने की ज़रूरत पड़ती है, कार को चलते रहने और ट्रैफिक में रुकने से रोकने के लिए बार-बार पैडल लगाना जरूरी है। ऐसी जगहों पर व्हीकल के इंजन पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। व्हीकल के कार्बोरेटर को सेट करने के बाद इंजन में बहुत कम मात्रा में पेट्रोल पहुंच पाता है। जिसकी वजह से भीड़भाड़ वाली जगहों पर व्हीकल के बार बार बंद हो जाने की दिक्कत से सामना करना पड़ता है।

व्हीकल के स्टार्ट में आ सकती है दिक्कतें

वाहन में इंजन ट्यूनिंग की सेटिंग के परिणामस्वरूप वाहन के स्टार्ट में प्रॉब्लम हो सकती है। ये दिक्कत इंजन में आवश्यक पेट्रोल की मात्रा न पहुंचने के परिणामस्वरूप होता है। यह समस्या ठंड के महीनों में भी हो सकती है।

मैकेनिक से सेटिंग करवाना बन सकता है गंभीर समस्याओं की वजह

अपनी व्हीकल को लोग कई बार ज्यादा माइलेज पाने के चलते अतिरिक्त सेटिंग्स करवा लेते हैं। जिसमें ऑटोमैकेनिक द्वारा अपने व्हीकल के कार्बोरेटर को ट्यून कर दिया जाता है। इस बदलाव की वजह से इंजन में आवश्यकता से कम ईंधन पहुंचने के कारण फ्यूल कंजम्शन घट जाता है। लेकिन इस तरह की छेड़छाड़ व्हीकल में कई तरह की गंभीर समस्याओं का कारण भी बनता है।

इन बातों का रखें ख्याल तो बच सकते हैं दुश्वारियों से

सुनिश्चित करें कि स्टीयरिंग स्मूदली चल रहा है। टायर के दबाव को चेक करें। जब भी आवश्यक हो, रियरव्यू मिरर को एडजस्ट करें। नंबर एक कि यह सुनिश्चित करें कि आपके व्हीकल में फ्यूल लीकेज की प्रॉब्लम तो नहीं हैं। इसके लिए ईंधन का निरीक्षण करें ,वहीं तेल, ब्रेक लिक्विड सभी की समय - समय पर जाँच की जानी चाहिए। सुनिश्चित करें की स्विच ऑन है। ब्रेक पेडल की जांच करें। हॉर्न और लाइट की जांच करें।

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