Bihar Politics: बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के जदयू में शामिल होने की अटकलें, नीतीश ने किया रिश्ता निभाने का वादा, सियासी मैदान में देंगे पूरा सहयोग
Bihar Politics: नीतीश कुमार की कोशिशें के कारण ही गंभीर मामले में सजायाफ्ता होने के बावजूद आनंद मोहन की रिहाई हो सकी है। नीतीश कुमार ने जेल मैनुअल में बदलाव करके आनंद मोहन की रिहाई करवाई थी।
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद के तीखे विरोध को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन के सहरसा स्थित पैतृक गांव पंचगछिया पहुंचे। इस दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने आनंद मोहन से रिश्ता निभाने का वादा किया। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि आनंद मोहन का जो राजनीति करनी हो वह करें। हम उन्हें पूरा सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि मेरा आनंद मोहन से अलग रिश्ता है और मैं यह रिश्ता आगे भी निभाऊंगा। सभा के दौरान आनंद मोहन के अलावा उनकी पत्नी और विधायक बेटे चेतन आनंद भी मौजूद थे। आनंद मोहन की कोशिशों के कारण नीतीश कुमार की सभा में काफी भीड़ भी उमड़ी। अक्टूबर महीने के दौरान नीतीश कुमार से आनंद मोहन की दूसरी मुलाकात के बाद अब उनके जदयू में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
आनंद मोहन को सहयोग देने का वादा
नीतीश कुमार की कोशिशें के कारण ही गंभीर मामले में सजायाफ्ता होने के बावजूद आनंद मोहन की रिहाई हो सकी है। नीतीश कुमार ने जेल मैनुअल में बदलाव करके आनंद मोहन की रिहाई करवाई थी। नीतीश कुमार ने कहा कि जिस समय आनंद मोहन जेल में बंद थे, उस समय मुझे अच्छा नहीं लगता था। वे सियासी मैदान के मजबूत सिपाही रहे हैं और ऐसे में उन्हें जो राजनीति करनी हो वह पूरी मजबूती के साथ करें और इस काम में मेरा उन्हें हमेशा सहयोग मिलेगा।
नीतीश ने कहा कि मैं उनसे अपना अलग तरह का रिश्ता रिश्ता निभाने के लिए हमेशा तैयार रहूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी दी गई है और इन समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
आनंद मोहन के दादा की प्रतिमा का अनावरण
सभा को संबोधित करने से पूर्व नीतीश कुमार ने बाहुबली नेता आनंद मोहन के दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम बहादुर सिंह और चाचा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस मौके पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद थे।
जदयू अध्यक्ष ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में भी इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री के साथ कोसी के गांधी कहे जाने वाले स्वर्गीय राम बहादुर सिंह और उनके पुत्र पद्माकर सिंह ब्रह्मचारी की आदमकद प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला।
राजद के विरोध के बावजूद नीतीश ने किया दौरा
इस कार्यक्रम को सियासी नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस इलाके पर आनंद मोहन की मजबूत पकड़ मानी जाती रही है। आनंद मोहन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिस्सा लेने की सियासी हलकों में खूब चर्चा रही।
राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के करीबी एमएलसी सुनील सिंह ने नीतीश के इस दौरे का तीखा विरोध किया था मगर फिर भी नीतीश आनंद मोहन के गांव पहुंचे। राजद सांसद मनोज झा पर आनंद मोहन की टिप्पणी को लेकर पार्टी में खासी नाराजगी है।
आनंद मोहन के जदयू में शामिल होने की अटकलें
यह बात भी उल्लेखनीय है कि अक्टूबर महीने के दौरान नीतीश कुमार से आनंद मोहन की शुक्रवार को दूसरी बार मुलाकात हुई। इससे पूर्व आनंद मोहन ने गत 5 अक्टूबर को पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच सियासी मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी।
नीतीश कुमार के पंचगछिया दौरे के बाद इन अटकलों को और तेजी मिली है कि आनंद मोहन जल्दी ही जदयू में शामिल हो सकते हैं। हालांकि आनंद मोहन और नीतीश कुमार की ओर से इस बाबत आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है मगर बिहार के सियासी हलकों में कई दिनों से इस बाबत चर्चा सुनी जा रही है।