बिहार चुनाव: बागी तेवर दिखाने वालों पर भाजपा सख्त, नौ को दिखाया बाहर का रास्ता
भाजपा की ओर से पहले ही चेतावनी दी गई थी कि पार्टी के जो नेता दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं, वे अपना नाम वापस ले लें। ऐसा न करने वाले नेताओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अंशुमान तिवारी
पटना: भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में बागी तेवर दिखाने वाले पार्टी नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। लोजपा व अन्य दलों के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने वाले नौ नेताओं को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। निष्कासित किए गए नेताओं में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह व पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया भी शामिल हैं।
उधर भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने बागी नेताओं पर की गई कार्रवाई का स्वागत किया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से यह कार्रवाई इसलिए की गई है ताकि जदयू सहित अन्य सहयोगी दलों में किसी प्रकार की गलतफहमी न पैदा हो।
भाजपा ने पहले ही दे दी थी चेतावनी
भाजपा की ओर से पहले ही चेतावनी दी गई थी कि पार्टी के जो नेता दूसरे दलों के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं, वे अपना नाम वापस ले लें। ऐसा न करने वाले नेताओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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सोमवार को पहले चरण के लिए नाम वापसी की तारीख समाप्त होने के बावजूद पार्टी के बागी नेताओं में से किसी ने भी अपना नाम वापस नहीं लिया। इसके बाद पार्टी की ओर से कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
इन नेताओं पर गिरी गाज
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व एमएलसी डॉक्टर संजय मयूख ने बताया कि इन नेताओं को निष्कासित करने का फैसला प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल की सहमति से लिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिन नौ बागी नेताओं के खिलाफ पार्टी की ओर से कार्रवाई की गई है उनमें राजेंद्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, उषा विद्यार्थी, रविंद्र यादव, श्वेता सिंह, इंदु कश्यप, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप के नाम शामिल हैं।
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गलतफहमी दूर करने की कोशिश
पार्टी से निष्कासित किए गए प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह लोजपा के टिकट पर दिनारा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं जबकि रामेश्वर चौरसिया सासाराम से चुनाव मैदान में हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पार्टी के नेताओं के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि पार्टी अपने नेताओं को लेकर जदयू के मन में किसी प्रकार की गलतफहमी नहीं पैदा होने देना चाहती।
अनुशासनहीनता नहीं होगी बर्दाश्त
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का कहना है कि निष्कासित किए गए बागी प्रत्याशी एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे एनडीए के साथ ही भाजपा की छवि भी धूमिल हो रही थी। पार्टी में अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के इस कदम से बागी तेवर अपनाने वाले अन्य नेताओं में भी सख्त संदेश जाएगा।
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जदयू ने किया कार्रवाई का स्वागत
उधर एनडीए में भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने बागी नेताओं पर की गई इस कार्रवाई का स्वागत किया है। जदयू नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि चार दलों ने मिलकर गठबंधन बनाया है और इसके बाहर जो लोग भी चुनाव लड़ रहे हैं, उनका कोई मतलब नहीं है।
जदयू के एक और नेता और मंत्री संजय झा ने भी भाजपा की ओर से की गई इस कार्रवाई को अच्छा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि बागी नेता चुनाव मैदान में उतर कर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे थे। भाजपा की ओर से की गई सख्त कार्रवाई से ऐसे लोगों में साफ संदेश जाएगा। उन्होंने दावा किया कि एनडीए गठबंधन को इस बार 2010 के विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी।
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बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार जदयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि भाजपा की ओर से 112 सीटों पर प्रत्याशी उतारे जा रहे हैं। जदयू ने अपने कोटे से जीतन राम मांझी की पार्टी हम को 7 सीटें दी हैं जबकि भाजपा ने अपने कोटे से मुकेश साहनी की वीआईपी को 9 सीटें दी हैं।
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