बिहार चुनाव: खूब बांटा जा रहा पैसा, करोड़ों रुपए कालाधन बरामद, पकड़ी विदेशी मुद्रा
चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। आयोग ने पूर्व-आईआरएस मधु महाजन और बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक बनाया है।
लखनऊ: बिहार में 28 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। चुनाव में जीत के लिए राजनीति पार्टियों ने पूरा जोर लगा दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की तरफ से धनबल का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। लोगों को पैसे और शराब बांटे जा रहे हैं। बिहार में 19 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं।
सबसे बड़ी बात है कि चुनाव में नेपाली मुद्रा भी जमकर बांटी जारी है। पुलिस ने 79.85 लाख नेपाली मुद्रा भी पकड़ी है। माना जा रहा है कि नेपाल के सटे बिहार के जिलों में वोट लेने के लिए नेपाली पैसा बांटा गया। साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 23.81 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।
कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 67 व्यय पर्यवेक्षक तैनात
चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। आयोग ने पूर्व-आईआरएस मधु महाजन और बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक बनाया है। बिहार के 91 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को चुनावी खर्च के लिहाज से संवेदनशील चिन्हित किया गया है।
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बिहार में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए 881 उड़न-दस्तों और 948 स्टेटिक सर्विलांस टीमें बनाई गई है। खर्च संबंधी निगरानी को लेकर आयोग ने बिहार और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कई बार बैठकें हुई हैं।
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कानून के मुताबिक चुनाव में नकद और उपहार देने की इजाजत नहीं है। मतदाताओं को प्रभावित करने के इरादे से उन्हें धन, शराब या कोई अन्य वस्तुएं देना रिश्वत कहलाएंगी। यह आईपीसी की धारा 171बी और आरपी. अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है। चुनाव में ऐसी वस्तुओं पर व्यय किया जाना अवैध है।
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बढ़ाया गया है चुनाव खर्च
बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रत्याशियों की चुनावी खर्च सीमा 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। कानून और न्याय मंत्रालय की तरफ से विधानसभा चुनावों के लिए यह राशि 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 30.8 लाख रुपये कर दी गई। यह 20 लाख रुपये खर्च की सीमा वाले प्रदेशों में 22 लाख रुपये होगी, तो वहीं लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी के अधिकतम खर्च को 77 लाख कर दी गई है जो पहले 70 लाख रुपए थी। तो वहीं छोटे राज्यों में 59 लाख रुपए किया गया है यहां पर 54 लाख रुपये थी। चुनाव आयोग ने खर्च बढ़ाने की सिफारिश की थी।
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