बिहार चुनावः झारखंड में हलचल, पहला मौका लालू के बिना राजद की नैया
बिहार में विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनावी हलचल तेज़ हो गई है। ये पहला मौका है जब राष्ट्रीय जनता दल अपने अध्यक्ष लालू प्रसाद के बिना चुनावी नैया पार करने की कोशिश कर रहा है।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनावी हलचल तेज़ हो गई है। ये पहला मौका है जब राष्ट्रीय जनता दल अपने अध्यक्ष लालू प्रसाद के बिना चुनावी नैया पार करने की कोशिश कर रहा है। चारा घोटाला मामले में सज़ायाफ्ता लालू प्रसाद फिलहाल रांची के रिम्स स्थित केली बंगला में इलाजरत हैं। ऐसे में राजद के टिकट से चुनाव लड़ने वाले पार्टी नेताओं का जमावड़ा रांची में लग रहा है।
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रात के अंधेरे में लालू प्रसाद से मुलाकात
जेल मैनुअल के मुताबिक लालू प्रसाद से प्रत्येक शनिवार को मात्र तीन लोग ही मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, राजद के कई नेता बिना मंज़ूरी के भी लालू से मुलाकात के लिए पहुंच रहे हैं। इसके लिए रात के अंधेरे का फायदा उठाया जा रहा है। दिन में मीडिया कर्मियों की मौजूदगी और उनके कैमरे से बचने के लिए रात के अंधेरे का सहारा लिया जा रहा है। बिहार चुनाव की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में पार्टी नेता रिम्स पहुंच रहे हैं। अपने बायो डाटा के साथ पहुंचने वाले राजद नेताओं की सीधे लालू प्रसाद से मुलाकात तो नहीं हो रही है। अलबत्ता अपना बायो डाटा लालू तक किसी तरह पहुंचाने में कामयाब ज़रूर हो रहे हैं।
केली बंगला में तीन मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति
लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी कि, लालू प्रसाद से राजद नेता बिना जेल अधीक्षक की मंज़ूरी के मुलाकात कर रहे हैं। बिहार चुनाव की घोषणा के बाद मुलाकात करने वाले नेताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। लिहाजा, रांची ज़िला प्रशासन ने लालू की सुरक्षा को और पुख्ता करते हुए तीन मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की है।
झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इलाजरत हैं लालू
चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता लालू प्रसाद कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। लिहाजा, उन्हे झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में रखकर इलाज किया जा रहा है। लालू प्रसाद पहले रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती थे लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे के मद्देनज़र राजद अध्यक्ष को रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया है।
झारखंड में सत्ता की साझीदार है राजद
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अलावा कांग्रेस और राजद ने मिलकर झारखंड में सरकार का गठन किया है। झारखंड विधानसभा चुनाव में 07 सीटों पर किस्मत आज़माने वाली आरजेडी को मात्र एक चतरा विधानसभा सीट में कामयाबी मिली थी। महागबंधन का हिस्सा होने के नाते राजद के एक विधायक सत्यानंद भोगता को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। लिहाजा, राज्य सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि, लालू प्रसाद को सरकारी मेहमान की तरह ट्रीट किया जा रहा है। लालू प्रसाद जेल मैनुअल का उल्लंघन कर पार्टी नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैँ।
होटवार जेल में शिफ्ट हों लालू
झारखंड की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा लालू प्रसाद को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर रही है। पार्टी का मानना है कि, लालू प्रसाद को एक क़ैदी के तौर पर नहीं बल्कि मेहमान की तरह रखा जा रहा है। लिहाजा, राजद अध्यक्ष को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में वापस भेजा जाए। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव सीधे गृह मंत्रालय से आग्रह करते हैं कि, लालू मामले में हस्तक्षेप करें। वे कहते हैं कि, रिम्स का केली बंगला इन दिनों राजद का केंद्रीय कार्यालय के तौर पर काम कर रहा है।
भाजपा को है लालू फोबिया
झारखंड में सत्ता की प्रमुख हिस्सेदार कांग्रेस भाजपा के आरोपों को सीधे तौर पर नकारती है। पार्टी का कहना है कि, जेल मैनुअल के मुताबिक ही लालू प्रसाद को इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता कहते हैं कि, जेल अधीक्षक की अनुमति से ही लालू प्रसाद से मुलाकात हो रही है। भाजपा को लालू फोबिया हो गया है।
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लालू की ज़मानत पर सुनवाई
लालू प्रसाद की ज़मानत पर आगामी 09 अक्टूबर को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई है। चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की सज़ा अवधि आधी पूरी होने के आधार पर कोर्ट से ज़मानत मांगा गया है। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार को उम्मीद है कि, झारखंड हाईकोर्ट लालू के पक्ष में निर्णय देगा।
शाहनवाज़ इदरीसी
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