बिहार चुनाव: लोजपा का सस्पेंस होगा खत्म, नहीं सुलझा NDA में सीटों का बंटवारा
लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी का कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी की यह आखिरी बैठक होगी। बैठक में पार्टी के सभी सांसदों, वरिष्ठ पदाधिकारियों और विधायकों को बुलाया गया है।
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के नामांकन का दो दिन बीत चुका है मगर अभी तक एनडीए में सीटों के बंटवारे का मुद्दा नहीं सुलझ सका है। हालांकि सीटों को लेकर लोजपा के मुखिया चिराग पासवान का रुख नरम पड़ने की बात कही जा रही है मगर पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद आज शाम तक पार्टी के रुख को लेकर पैदा हुआ सस्पेंस खत्म हो सकेगा। अब हर किसी की नजर इस बैठक में लिए जाने वाले फैसले पर टिकी है।
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लोजपा की बैठक में होगा आखिरी फैसला
लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी का कहना है कि विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी की यह आखिरी बैठक होगी। बैठक में पार्टी के सभी सांसदों, वरिष्ठ पदाधिकारियों और विधायकों को बुलाया गया है। बैठक में एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने या 143 सीटों पर लोजपा के उम्मीदवार खड़े करने के संबंध में अंतिम फैसला किए जाने की उम्मीद है।
भाजपा को मंजूर नहीं लोजपा का यह प्रस्ताव
जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से लोजपा को यह स्पष्ट तौर पर बता दिया गया है कि उसे जदयू के खिलाफ लोजपा के उम्मीदवार उतारने का फैसला मंजूर नहीं है। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि चिराग पासवान इस बाबत क्या फैसला करते हैं। लोजपा प्रवक्ता अंसारी का कहना है कि पार्टी ने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट का विजन डॉक्युमेंट जारी करने की भी तैयारी कर ली है।
अपनी पसंद की सीटें मांग रही लोजपा
जानकार सूत्रों के मुताबिक लोजपा की ओर से विधानसभा चुनाव में 36 सीटों की मांग की जा रही है। इसके साथ ही पार्टी की ओर से यह भी शर्त रख दी गई है कि उसे अपनी पसंद की सीटें दी जाए। लोजपा की यह मांग भाजपा और जदयू दोनों को मंजूर नहीं है क्योंकि इस कारण इन दोनों दलों को अपने कोटे की कई सीटों पर समझौता करना होगा।
सूत्रों के मुताबिक लोजपा की इसी मांग के कारण अभी तक सीटों के बंटवारे का मुद्दा नहीं सुलझ सका है। अब चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद लोजपा की ओर से शनिवार की बैठक में आखिरी फैसला लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
एनडीए छोड़ने का फैसला आसान नहीं
सियासी जानकारों का यह भी कहना है कि चिराग पासवान के लिए एनडीए छोड़ने का फैसला इतना आसान नहीं है क्योंकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूदा हालात में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने पर सहमत नहीं हैं। इस कारण चिराग पासवान के रुख में नरमी की उम्मीद जताई जा रही है।
लोजपा की ओर से पहले 143 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कही गई थी। लोजपा का यह भी कहना था कि वह एनडीए में भाजपा के साथ बनी रहेगी मगर जदयू के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी। हालांकि जानकार सूत्रों के मुताबिक भाजपा को लोजपा का यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं है।
शीर्ष नेतृत्व के प्रयास से भी नहीं सुलझा मामला
शुक्रवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की गई। लोजपा के मुखिया चिराग पासवान की शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से फिर बातचीत हुई मगर शीर्ष नेता सीटों के बंटवारे को लेकर किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच सके। अब भाजपा की ओर से भी लोजपा के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।
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भाजपा चुनाव समिति की बैठक कल
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रविवार को होने वाली है और भाजपा का प्रयास है कि इस बैठक से पहले एनडीए के सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो जाना चाहिए।
पार्टी की इस बैठक में पहले चरण के प्रत्याशियों की घोषणा किए जाने की उम्मीद है। यह घोषणा सीटों के बंटवारे का मुद्दा सुलझ जाने पर ही संभव है। अब देखने वाली बात यह है कि लोजपा के मुखिया चिराग पासवान क्या फैसला लेते हैं।
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