Bihar News: अति पिछड़ा और महादलित समेत चार आयोग भंग, NDA की नई सरकार का बड़ा फैसला, अब नए सिरे से होगा पुनर्गठन

Bihar News: नीतीश सरकार की ओर से बिहार के जिन आयोग को भंग करने का फैसला किया गया है, उनके अध्यक्षों और सदस्यों को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया गया है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-04 11:06 IST

सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा (सोशल मीडिया)

Bihar News: बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की नई सरकार बनने के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य सरकार ने राज्य के चार महत्वपूर्ण आयोगों को भंग कर दिया है। जिन आयोगों को भंग करने का फैसला लिया गया है, उनमें महादलित आयोग, अति पिछड़ा आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग शामिल हैं। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद राज्य में प्रशासनिक स्तर पर काफी फेरबदल किया जा रहे हैं। इसी कड़ी में इन आयोगों को भंग करने का फैसला किया गया है।

सभी आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य पद मुक्त

नीतीश सरकार की ओर से बिहार के जिन आयोग को भंग करने का फैसला किया गया है, उनके अध्यक्षों और सदस्यों को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि बिहार में सरकार बदलने के बाद अब नए सिरे से इन चारों आयोगों का पुनर्गठन किया जाएगा। राज्य में भाजपा की मदद से नई सरकार के गठन के बाद सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। सियासी जानकारों के मुताबिक इसी कारण आयोगों को भंग करने का फैसला किया गया है।

इससे पहले शुक्रवार को भी नीतीश सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाया गया था। राज्य सरकार ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को हटा दिया था और इसके साथ ही 20 सूत्रीय कमेटी भी भंग कर दी थी। इसके बाद शनिवार को नीतीश सरकार ने राज्य के चारों महत्वपूर्ण आयोगों को भंग करने का फैसला लिया है। प्रशासन विभाग के सचिव मोहम्मद सोहेल ने इस संबंध में अलग-अलग अधिसूचना जारी की है। इन आयोगों के सदस्यों को लोकहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया गया है।

मांझी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों बड़ा फैसला लेते हुए महागठबंधन से नाता तोड़ दिया था और वे एनडीए में शामिल हो गए थे। बाद में उन्होंने भाजपा और एनडीए में शामिल अन्य दलों के समर्थन से राज्य में नई सरकार का गठन किया था। नीतीश की अगुवाई वाली नई सरकार को 10 फरवरी को बिहार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है।विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले ही एनडीए में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। उन्होंने अपनी पार्टी के लिए सरकार में एक और मंत्री पद देने की मांग की है।

चिराग पासवान ने किया मांझी का समर्थन

दूसरी ओर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान के एक बयान के बाद भी राज्य की सियासी हलचल तेज हो गई है। चिराग ने जीतन राम मांझी का मांग का समर्थन किया है। मांझी की मांग के संबंध में सवाल पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि उनके विधायकों की संख्या भले ही कम है मगर मौजूदा सियासी स्थितियों में उनकी काफी अहमियत है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान कौन खेला करेगा।

10 फरवरी को होगा बहुमत परीक्षण

बिहार विधानसभा में 10 फरवरी को शक्ति परीक्षण होने वाला है और इसके बाद 12 फरवरी को विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव किया जाएगा। नीतीश कुमार ने 28 फरवरी को जदयू का साथ छोड़ा था और उसी दिन उन्होंने 8 मंत्रियों के साथ नई सरकार की कमान संभाली थी।

नीतीश कुमार ने शनिवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी कर दिया। इस बार गृह मंत्रालय भाजपा को सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही थी, मगर नीतीश कुमार ने गृह विभाग की कमान अपने पास रखी है। इस कारण माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अभी भी अपने हिसाब से राजनीति कर रहे हैं और किसी के दबाव में नहीं आ रहे हैं।  

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