Shahabuddin Son Released: कुख्यात बाहुबली शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा जेल से आया बाहर, तीन महीने से था अंदर
Shahabuddin Son Released: गुरूवार को सीवान जेल के बाहर भारी संख्या में उसके समर्थक मौजूद थे। जेल से बाहर आते ही समर्थकों ने फूल माला से ओसामा का जोरदार स्वागत किया।
Shahabuddin Son Released: बिहार का कुख्यात बाहुबली और सीवान का पूर्व लोकसभा सांसद सैयद शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा शहाब आज जेल से बाहर आ गया है। वो बीते तीन माह से सीवान जेल में बंद था। जमीन विवाद से जुड़े दो क्रिमिनल केस में उसे पटना हाईकोर्ट ने पिछले दिनों जमानत दे दी थी, जिसके बाद उसके रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया। गुरूवार को सीवान जेल के बाहर भारी संख्या में उसके समर्थक मौजूद थे। जेल से बाहर आते ही समर्थकों ने फूल माला से ओसामा का जोरदार स्वागत किया।
बेटे की रिहाई पर शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास था। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाने वाले बाहुबली शहाबुद्दीन की मौत साल 2021 में तिहाड़ जेल में हो गई थी। शहाबुद्दीन कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ती चली गई।
किस मामले में जेल मे था ओसामा ?
ओसामा शहाब जमीन विवाद से जुड़े दो मामलों को लेकर जेल में बंद था। पहला मामला मोतिहारी में अपने संबंधी के यहां जमीन विवाद को लेकर हमला करने का है। वहीं, दूसरा मामला भी सीवान के हुसैनगंज थाना क्षेत्र के छपिया में जमीन से ही सबंधित है। इन दोनों मामलों को लेकर ओसामा काफी समय से फरार चल रहा था। बीते साल 16 अक्टूबर को वह अपने साथियों के साथ राजस्थान के कोटा में पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
ओसामा और उसके दो साथी वसीम और सेफ बिहार नंबर वाली एक गाड़ी से दिल्ली से गोवा जा रहे थे। कोटा में नाकेबंदी के दौरान जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्हें कुछ संदिग्ध लगा। फिर पता चला कि तीनों में से एक पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन का बेटा है। इसके बाद बिहार पुलिस को सूचित किया गया। इसके बाद सीवान के हुसैनगंज थाना से एक पुलिस टीम शहाबुद्दीन को लेने कोटा आई और तीनों को अपने साथ ले गई। ओसामा शहाब पर जान से मारने की धमकी देने और रंगदारी मांगने के साथ-साथ आर्म्स एक्ट का मुकदमा भी दर्ज है।
सीवान से लोकसभा चुनाव लड़ने की हैं अटकलें
सीवान कुख्यात बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन का कभी गढ़ रहा है। यहां से वह 1996 से लेकर 2004 तक लगातार चार बार लोकसभा का चुनाव जीते थे। सीवान के ही जीरादेई सीट से वो दो बार विधायक भी रह चुके हैं। ये चीजें इलाके में शहाबुद्दीन के सियासी दबदबे को दिखाता है। शहाबुद्दीन के कारण ही यह क्षेत्र लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का भी मजबूत गढ़ बन गया था। हालांकि, शहाबुद्दीन के जेल जाते ही और बिहार में जदयू-भाजपा गठबंधन की सरकार आने के बाद राजद का यह गढ़ ध्वस्त हो गया। खुद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब यहां से लगातार तीन लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं।
पिछली बार उन्हें जदयू उम्मीदवार कविता सिंह ने हराया था। हालांकि, अब जदयू और राजद एक गठबंधन में हैं, ऐसे में क्या राजद यह सीट जदयू से ले पाएगी, ये आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो अगर यह सीट राजद के हिस्से में आ जाती है तो अबकी बार हिना शहाब नहीं बल्कि उनके बेटे ओसामा शहाब चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।