ये 10 बैंक होंगे बंद, ग्राहकों को होगी परेशानी, यहां जानें क्या है सरकार का फैसला
अगले महीने यानी 1 अप्रैल 2020 देश के बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अप्रैल से 10 बड़े सरकारी बैंकों का विलय होना है। PM मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी गई है।
नई दिल्ली: अगले महीने यानी 1 अप्रैल 2020 देश के बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अप्रैल से 10 बड़े सरकारी बैंकों का विलय होना है। PM मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि 10 बड़े सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा 3 बजे कॉन्फ्रेंस में की जा सकती है।
जल्द ही जारी हो सकता है नोटिफिकेशन
वित्त मंत्रालय की तरफ से पिछले साल 30 अगस्त 2019 को 10 सरकारी बैंकों के मर्जर को लेकर घोषणा की गई थी। अब इस मर्जर को लेकर केंद्र सरकार इसी हफ्ते अधिसूचना (Notification) जारी सकता है। इन बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंक बनाए जाएंगे, यानि 6 बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय हो जाएगा। नए बैंक 1 अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ सकते हैं।
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विलय के बाद देश में रह जाएंगे 12 सरकारी बैंक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विलय के बाद बैंकों के नाम भी बदले जा सकते हैं। हालांकि इसे लेकर सरकार की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के विलय का ऐलान करते समय कहा था कि 10 बड़े सरकारी बैंकों का विलय होने के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। बता दें कि साल 2017 में सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी। इससे पहले देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हुआ था।
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किस बैंक का किसके साथ होगा विलय
बता दें कि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में विलय होगा। इस विलय के बाद जो बैंक बनेगा वो देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस नए बैंक के बाद तकरीबन 17 लाख करोड़ रूपये का बिजनेस होगा।
इसके अलावा केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होगा। वहीं विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का चौथा सबसे सरकारी बड़ा बैंक बन जाएगा। इस बैंक के पास तकरीबल 15.20 लाख करोड़ रूपये का बिजनेस होगा।
आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के साथ यूनियन बैंक का मर्जर होगा। विलय के बाद बनने वाला यह बैंक देश का 5वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस बैंक के पास कुल 14.59 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक का भी विलय होना है। वहीं विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का 7वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस बैंक के पास कुल 8.08 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
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विलय के बाद खाता धारकों को क्या करना होगा?
विलय होने के बाद ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी इश्यू हो सकता है। जिन कस्टमर्स को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन ग्राहकों को नए डिटेल्स इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अपडेट करवाना होगा। ग्राहकों को एसआईपी या लोन ईएमआई के लिए नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
ग्राहकों को नई चेकबुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड मिल सकता है। बैंकों के विलय से FD या RD पर मिलने वाले इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही जिन इंटरेस्ट रेट पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन, होम लोन आदि लिए गए हैं, उनमें भी कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन कुछ ब्रान्च बंद हो सकती है।
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