एयर इंडिया की साढ़ेसाती खत्म कर सकते हैं अडाणी, नीलामी पर है चौकस निगरानी

कर्ज में डूबी सरकारी एअर इंडिया एयरलाइन को अडाणी ग्रुप खरीद सकता है। मनीकंट्रोल से मिली जानकारी के मुताबिक, अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी के स्वामित्व वाला अडानी ग्रुप सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया के लिए बोली लगाने पर विचार-विमर्श कर रहा है

Update: 2020-02-24 15:56 GMT

नई दिल्ली: कर्ज में डूबी सरकारी एअर इंडिया एयरलाइन को अडाणी ग्रुप खरीद सकता है। मनीकंट्रोल से मिली जानकारी के मुताबिक, अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी के स्वामित्व वाला अडानी ग्रुप सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया के लिए बोली लगाने पर विचार-विमर्श कर रहा है। अगर यह सौदा सफल हो जाता है तो घरेलू एयरलाइन बाजार में अडाणी ग्रुप की धमाकेदार एंट्री होगी। खबरों के मुताबिक, इस काम के लिए अडाणी ग्रुप ने सलाहकारों को लगा दिया है और इस स्तर पर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट प्रस्तुत करने का मूल्यांकन कर रहा है।

 

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एअर इंडिया को खरीदने की अडाणी ग्रुप की रुचि प्रारंभिक चरण में है और बोली प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण सरकार से मांगे जाने की जरूरत है। अडाणी ग्रुप इस मौके को देख रहा है, लेकिन अभी अंतिम फैसला लेना बाकी है। इस ट्रांजेक्शन के साथ अडाणी ग्रुप इस सेक्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ अपने कारोबार को डाइवर्सिफाई कर सकता है।' मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से यह सत्यापित नहीं कर सकता है कि अडाणी ग्रुप अकेले जाएगा या एक कंसोर्टियम का हिस्सा होगा जो कर्ज में डूबी एयरलाइन के लिए बोली लगाएगा।

 

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बता दें कि 2019 में, अडाणी ग्रुप ने हवाईअड्डों के संचालन और रख-रखाव कारोबार में कदम रखा। इसके लिए एक अलग कंपनी अडाणी एयरपोर्ट्स बनाई और कंपनी को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अडाणी के स्वामित्व वाले छह हवाईअड्डों के निजीकरण के लिए बोली लगाई और यह बोली सफल रही। अडाणी एयरपोर्ट्स को अहमदाबाद, लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुअनंतपुरम और मेंगलुरु एयरपोर्ट के संचालन, मैनेजमेंट और डेवलपमेंट अधिकार 50 साल के लिए मिला।

पिछले वित्त वर्ष में इन छह हवाईअड्डों ने कुल मिलाकर 3 करोड़ यात्रियों को संभाला और इसमें सालाना आधार पर 22 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। ग्रुप 2026 तक हवाईअड्डा बिजनेस पर 10,000 करोड़ रुपये निवेश करने को प्रतिबद्ध है।

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