Agriculture Business Idea: यह हरा पत्ता सिर्फ दो महीने में किसान को बनाता है लखपति, जानें कैसे करें इसकी खेती

Agriculture Business Idea: देश में कोलार्ड ग्रीन्स (Collard greens) की कई राज्यों में खेती की जाती है। लेकिन इसकी खेती का हब दक्षिण भारत को कहा जाता है। इसके अलावा कश्मीर के लोगों को भी कोलार्ड ग्रीन्स यानी हरे पत्ते की खेती करते हैं। इसके हर पत्तों में कई प्रकार के पौष्टिक गुण पाये जाते हैं।

Update:2023-07-20 15:27 IST
Agriculture Business Idea (सोशल मीडिया)

Agriculture Business Idea: आज का दौर वह है, जहां पर बिजनेसमैन के साथ एक खेती करने वाले किसान भी बड़ा व्यापारी बना रहा है। उसके पीछे की वजह यह है कि देश का किसान अब पारंपरिक खेती के साथ साथ नकदी फसल की ओर भी ध्यान दे रहा है। यह नकदी फसलें धीरे धीरे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं। ऐसे में अगर आप किसान हैं और आप भी अभी तक पारंपरिक खेती कर रहे हैं तो कोशिश करें कि साथ में कुछ नकदी फसल की भी खेती करें, ताकि आपकी भी आय में वृद्धि हो और अच्छा जीवन स्तर बने। वैसे तो कई प्रकार की नकदी फसलों की खेती होती है। लेकिन कम समय में तैयार होने वाली नकदी फसल की बात की जाए तो कोलार्ड ग्रीन्स (Collard Greens) नकदी फसल होती है। यह फसल कम समय में तैयारी होती है। साथ बाजार में लोगों के बीच मांग भी अधिक होती है,क्योंकि यह कई प्रकार की बीमीरियों के लिए लाभकारी होती है। ऐसे में इसकी खेती कर आप कुछ महीने लखपति बना सकते हैं।

सबसे अधिक इन राज्यों होती है इसकी खेती

देश में कोलार्ड ग्रीन्स (Collard greens) की कई राज्यों में खेती की जाती है। लेकिन इसकी खेती का हब दक्षिण भारत को कहा जाता है। इसके अलावा कश्मीर के लोगों को भी कोलार्ड ग्रीन्स यानी हरे पत्ते की खेती करते हैं। इसके हर पत्तों में कई प्रकार के पौष्टिक गुण पाये जाते हैं। इसको देश में कहा साग के नाम से जाना जाता है। यह ठंडी फसल होती है, इसलिए किसान इसको बारिश व सर्दी में तैयार करते हैं। अगर आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो आपको बताएंगे कि कैसे कोलार्ड ग्रीन्स की किसान खेत करें।

कैसे करें कोलार्ड ग्रीन्स की खेती?

आमतौर पर कोलार्ड ग्रीन्स की खेती बारिश या फिर सर्दी के मौसम में तैयार की जाती है। देश में कई सब्जियों की फसल बुवाई जुलाई में महीने में होती है तो कोलार्ड ग्रीन्स भी एक प्रकार की हरी सब्जी है,जिसकी बुवाई भी जुलाई माह में की जाती है,क्योंकि इसके पत्ते तैयार होने के होने के लिए ठंडा तापमान चाहिए। यह अधिक तापमान सहन नहीं कर पाते हैं। इसकी खेती करते वक्त किसान को यह ध्यान में रखना होता है कि इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6.0-6.8 के बीच होना चाहिए। बीजों तो आधा इंच गहरा और 12-18 इंच की दूरी पर लगना चाहिए। इसमें नियमित सिंचाई की जरूरत होती है। बुवाई करने के बाद यह फसल दो महीने यानी 5 से 6 हफ्ते में तैयार हो जाती है। फिर इसकी आप तुड़ाई कर बाजार में बिक्री कर सकते हैं।

इन बीमारियों के लिए है रामबाण

कोलार्ड ग्रीन्स के पत्ते में कई प्रकार के गुण पाए जाते हैं, जो इसके सेवन से मानव को कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं। इस का सेवन करने से डायबिटीज मरीज का ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल रहा है और इसको इस बीमारी के लिए रामबाण कहा गया है। इसके अलावा इसे नियमित सेवन करने से वाले व्यक्ति हड्डियां मजबूत रहती हैं।

कमाई

जैसे जैसे लोगों को कोलार्ड ग्रीन्स के फायदे की जानकारी होती जा रही है,वैसे वैसे लोगों के बीच इसकी मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है। आज समय बाजार में इसकी कीमत करीब 100 रुपये प्रति गुच्छा है। किसान इस दो महीने वाले नगदी फसल की खेती आराम से लखपति बना सकता है।

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