Barsat Me Kiski Kheti Kare: बारिश में धान के अलावा किसान कर सकता है इन फसलों की खेती, कम लागत में होगी बंपर कमाई
Barsat Me Kiski Kheti Kare : बारिश के समय में सब्जियों की खेती करना सबसे अच्छा होता है। अगर आप किसान हैं और बारिश के मौसम में धान के साथ सब्जियों की खेती कर करने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि बरसात में किसी सब्जी की खेती सबसे अच्छी होती है।
Barsat Me Kiski Kheti Kare: देश में मानसून की दस्तक हो चुकी है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में धान की फसल की जोर शोर से तैयारियां जारी हैं। कुछ दिनों खेतों में धान की फसल की बुवाई शुरू हो जाएगी। अधिकांश किसानों को लगता है कि बारिश के मौसम में धान की फसल से अधिक कोई अन्य फसल ज्यादा मुनाफा नहीं दे सकती है तो ऐसा बिल्कुल नहीं धान के साथ साथ बरसात के मौसम में उगने वाली ऐसी कई फसलें हैं, जिनकी खेती कर किसाना मालामाल हो रहे हैं।
ये हैं कम लागत वाली फसलें
ऐसे अगर आप किसान हैं और धान की फसल की खेती कर रहे हैं, उस समय कुछ हिस्सा छोड़कर इन फसलों की भी खेती कर सकते हैं। इनकी खेती में खास बात यह है कि इसके लिए आपको पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि इसमें लगने वाला पानी पर्याप्त मात्रा में बरसात से मिल जाता है और कम लागत में इसकी खेती होती है। बारिश के समय में सब्जियों की खेती करना सबसे अच्छा होता है। अगर आप किसान हैं और बारिश के मौसम में धान के साथ सब्जियों की खेती कर करने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि बरसात में किसी सब्जी की खेती सबसे अच्छी होती है। वहीं, कुछ फलों की भी खेती कर सकते हैं।
सिंघाडा की खेती
बारिश में किसान सिंघाडे की खेती कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए चाहें तो आप अपने किसी तालाब में या फिर खेती को तालाब बना कर सिंघाडा की फसल उठा सकते हैं। इसमें कोई ज्यादा खर्चा नहीं आता है। मॉनसून की बारिश में सिघाड़े की बुआई शुरू हो जाती है। जून-जुलाई में किसान सिंघाटा बोते हैं। फसल बोने के बाद 6 महीने में फसल तैयार हो जाती है, और उसको बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा काम सकते हैं।
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अनार
बारिश में किसान चाहे तो अनार की फसल लगा सकते हैं। इस रोपण बरसात सबसे अच्छा समय रहता है। फसल लगाने के बाद अनार का पौधा 120-130 दिनों में फल देने लगता है। बाजार में इसके अच्छे भाव मिलते हैं।
टमाटर की खेती
उत्तर भारत के राज्यों में टमाटर के खेती के लिए बारिश का सबसे अच्छा महीना मना गया है। इसकी फसल जून-अगस्त में लगाई जाती है। इस बीज लगाने के बाद अंकुरित होने में 7 से 14 दिन का टाइम लगता है। यह फसल 50-60 दिन में तैयार हो जाती है। अगर बाजार में टमाटर की मांग अधिक रही तो किसानों को कीमत भी अधिक मिलती है।
बैगन की खेती
बैगन की खेती भी बारिश के मौसम वाली खेती होती है। हालांकि यह खेती देश में जलवायु के आधार पर होती है। उत्तर भारत में बैगन के लिए मध्य जून सबसे अच्छा समय मना गया है, जबकि दक्षिण भारत में यह समय जून से जुलाई रखा गया है। किसान बैगन की खेती के लिए अच्छी जल निकासी बनाए,ताकि पौधे अच्छे से तैयार हों। इस बीच मिट्टी में ¼ इंच की गहराई में लगाना चाहिए। यह फसल 50-60 दिन में तैयार होने वाली फसल हैं। उसके बाद किसान बारी बारी से बैगन तोड़कर बाजार में बिक्री कर सकते हैं।
इन सब्जियों की भी कर सकते हैं खेती
इसके अलावा पालक, मर्ची, धनिया, खीरा, करेला, लौकी, भिंडी, बीन्स, कद्दू व पत्तागोभी इत्यादि फसल की खेती कर सकते हैं। इनको तैयार करने का सबसे उपयुक्त समय बारिश का मौसम होता है।