Good Breed Cow Buffalo: यूपी में यहां तैयार होते हैं अच्छी नस्ल के गाय व भैंस, इन चीजों पर होता है विशेष ध्यान

Good Breed Cow Buffalo: यूपी के पशुधन विभाग से संचालित हो रहे है इस केंद्र में प्रदेश में गायों व भैसों की अच्छी व उन्नतशीत प्रजाति को ठीक करने में कृत्रिम गर्भाधान के उत्पादन में वृद्धि को देखते हुए अच्छी गुणवत्ता वाला सीमन तैयार किया जाता है। यहां पर सांड व भैंसों की खुराक पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

Update:2023-07-04 22:42 IST
Good Breed Cow Buffalo (सोशल मीडिया)

Good Breed Cow Buffalo: किसान की मंशा होती है कि उसके पास जो भी पुश हो वह सबसे अच्छी नस्ल का हो। अगर आप यूपी के किसान है तो यह मंशा और अधिक होती होगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अच्छी नस्ल के पशु यूं ही नहीं तैयार हो जाता हैं? उसके पीछे कई लोगों की काफी मेहनत होती है। दरअसल, यूपी में भैंस व गाय की अच्छी नस्ल को तैयार करने का जिम्मा राजधानी लखनऊ के रहमान खेड़ा स्थित अतिहिमीकृत विर्य यानी सीमन उत्पादन केंद्र से होता है। इस केंद्र की यह जिम्मेदारी है कि वह प्रतिदिन अधिक से अधिक सीमन डोज का उत्पादन किया जाए। इसकी उद्देश्य के साथ अतिहिमीकृत विर्य उत्पादन केंद्र हर दिन 10000 डोज सीमन का उत्पादन कर रहा है।

यूपी के पशुधन विभाग से संचालित हो रहे है इस केंद्र में प्रदेश में गायों व भैसों की अच्छी व उन्नतशीत प्रजाति को ठीक करने में कृत्रिम गर्भाधान के उत्पादन में वृद्धि को देखते हुए अच्छी गुणवत्ता वाला सीमन तैयार किया जाता है। यहां पर सांड व भैंसों की खुराक पर विशेष ध्यान दिया जाता है, लोगों को अच्छी क्लॉविटी वाले गाय व भैंस का सीमन दिया जा सके।

इन प्रजातियों के भैंस व सांड मौजूद

इस पर पशुधन विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ नीरज गुप्ता का कहना है कि केंद्र का मुख्य फोकस यूपी में अच्छी नस्ल वाले गाय व भैसों को तैयार करना है। हालांकि कोई भी किसान या पुशपालक सीधे तौर से केंद्र से सीनम नहीं प्राप्त कर सकता है, जबकि उसको यह पशुधन विकास परिषद से उपलब्ध होता है। यहां केवल सीमन को पशुधन विकास परिषदों में भेजा जाता है। गुप्ता का कहना है कि अच्छी नस्ल की गाय और भैंस की नस्लों में इजाफा हो, इसलिए केंद्र में कई प्रकार की प्रजाति के सांड व भैंसें मौजूद हैं। इसमें साहिवाल के 56 सांड, हरियाणा नस्ल के 3, गिर नस्ल के 4 व मुर्रा प्रजाति की 55 भैसें शामिल हैं।

हफ्ते दो बार लिया जाता है सीमन

उन्होंने कहा कि इन प्रजातियों के गायें व साड़ को रहने के लिए अलग अलग सेड बने हुए हैं। इनसे हफ्ते में दो बार सीमन लिया जाता है। फिर सीमन को बड़े कंटेनर में फ्रीजर युक्त रखा जाता है। इसके अलावा सीमन की गुणवत्ता जांच ने के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगी हुई हैं।

सांड और भैंसों को मिलती है बड़ी खुराक

केंद्र के अध्यक्ष ने कहा कि सांड और भैंसे के सीमन के उत्पादन से पहले इसके स्वस्थ खुराक पर ध्यान दिया जाता है। यहां पर इनकों पोषण युक्त भोजन बनाने के लिए 300 से 400 किलो वजन वाले सांड के लिए 4 किलो भूसा, 4 किलो मक्का,सोयाबीन, चोकर, पॉलिश राइस, अश्वगंधा, हरा चारा और चुकंदर खिलाया जाता है। तब जाकर पशु स्वस्थ व अच्छी क्वॉलिटी वाला सीमन देता है।

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