भारत को तगड़ा झटका: ग्रोथ रेट में 6 फीसदी का संकुचन, रिकवरी में लगेगा लंबा समय

आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों जैसे- महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के केवल सात जिलों की ही राष्ट्रीय आर्थिक उत्पादन (National economic output) में 30.5 फीसदी हिस्सेदारी है।

Update: 2020-07-22 11:56 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। अभी भी भारत में आर्थिक गतिविधियां कमजोर बनी हुई है। ऐसा कहा जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.1 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अनुमान जताया है कि भारत की जीडीपी में करीब छह फीसदी की गिरावट आ सकती है।

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ग्रोथ रेट आ सकता है छह फीसदी का संकुचन

भारत के आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों में अभी भी स्थिर संक्रमण वक्र और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से वित्त वर्ष 2021 में भारत की ग्रोथ रेट (Growth rate) में छह फीसदी का संकुचन आने की संभावना है। सिंगापुर के ब्रोकरेज डीबीएस ने अर्थव्यवस्था पर गहराते संकट को दर्शाते हुए ग्रोथ रेट में संकुचन आने का अनुमान लगाया है। इससे पहले डीबीएस ने अनुमान जताया था कि मौजूदा वित्त वर्ष में 4.8 फीसदी नकारात्मक ग्रोथ की बात कही थी।

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इकॉनमी को निश्चित तौर पर तगड़ा झटका लगना तय

रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्यों जैसे- महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के केवल सात जिलों की ही राष्ट्रीय आर्थिक उत्पादन (National economic output) में 30.5 फीसदी हिस्सेदारी है। जिससे यह पता चलता है कि कोरोना वायरस महामारी से भारत की इकॉनमी को निश्चित तौर पर तगड़ा झटका लगना तय है। साथ ही ये भी कहा गया है कि इसकी रिकवरी में भी काफी लंबा वक्त लग सकता है।

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