चीन का असर भारत पर: हालात हैं बुरे, भुगतना पड़ रहा अब ये अंजाम
चीन में पिछले कई महीनों से कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना वायरस से चीन में अब तक हजारों मौतेें हो चुकी हैं। अब इसका असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली: चीन में पिछले कई महीनों से कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना वायरस से चीन में अब तक हजारों मौतेें हो चुकी हैं। अब इसका असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है। दरअसल, अब इस वायरस की वजह से चीन से भारत में आयात (Import) होने वाले सामानों की सप्लाई बहुत कम हो गई है। जिस वजह से भारत पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे स्थिति में भारत इन सामानों के लिए विकल्प की तलाश में जुटा है।
चीन से भारी संख्या में होती है सामानों की सप्लाई
दरअसल, भारत में चीन से भारी संख्या में सामानों की सप्लाई की जाती है। वहीं इनमें से अधिकतर चीजें ऐसी हैं जो भारत में रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि भारत 50 फीसदी से भी ज्यादा चीजें चीन से ही आयात करता है।
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इन सामानों की विशेषकर होती है सप्लाई
चीन से भारत में आयात होने वाले सामानों में टेक्सटाइल फैब्रिक, रेफ्रिजरेटर और सूटकेस। एंटीबायोटिक्स से लेकर विटामिन और कीटनाशक तक भी शामिल हैं। इसके अलावा भी कई सामान हैं जो चीन से आयात होते हैं।
API के आयात पर भी पड़ रहा काफी असर
वहीं चीन से API के आयात पर भी काफी असर पड़ा है। चीन से API की सप्लाई बंद होने के कारण भारत में दवाईयां बनाने वाली कंपनियों को API खरीदने के लिए ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है। बता दें कि API दवाईयां बनाने का कच्चा माल होता है।
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अन्य देश भी हैं प्रभावित
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक भारत के अलावा ऐसे कई देश हैं जो चीन से आपूर्ति बंद होने की वजह से प्रभावित हैं और वे देश भी अब वैकल्पिक सोर्स के लिए उन देशों का रूख कर रहे हैं, जिन पर भारत विकल्प के लिए विचार कर रहा है।
भारत ने उठाया ये कदम...
इधर भारत ने चीन से आयात कम होने के बाद अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है और उस पर काम करना शुरू भी कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने दुनिया भर के भारतीय मिशनों को पत्र लिख संभावित सप्लायर्स की पहचान करने और उसका एनालिसिस करने के लिए कहा है।
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