पूर्व CEO चंदा कोचर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ED ने की 78 करोड़ की संपत्ति जब्त

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके परिवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने चंदा कोचर के मुंबई स्थित फ्लैट और उनके पति की कंपनी की कुछ संपत्तियों को जब्त कर लिया।

Update: 2020-01-10 11:25 GMT

नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके परिवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने चंदा कोचर के मुंबई स्थित फ्लैट और उनके पति की कंपनी की कुछ संपत्तियों को जब्त कर लिया।

बताया जा रहा है कि कुल मूल्य 78 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की गई हैं। चंदा कोचर कोचर के खिलाफ यह कार्रवाई 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन मामले के सिलसिले में हो रही है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चंदा कोचर की इंवेस्टमेंट के दौरान लगभग 100 करोड़ की संपत्ति जिसमें उनका साउथ मुंबई का अपार्टमेंट, शेयर्स, इन्वेस्टमेंट्स और उनके पति का ऑफिस शामिल है। इस पूरी संपत्ति का बाजार में कीमत लगभग 800 करोड़ आंका गया है। इन पर ईडी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी कर सकता है।

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आईसीआईसीआई बैंक की कर्जदार कंपनी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने कोचर के पति की कंपनी में निवेश किया था जिसमें गड़बड़ी के आरोपों के बाद चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

यह है मामला

वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन का मामला है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था।

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वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।

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आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। इसके साथ ही यह भी आरोप लगे हैं कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया।

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