वीवो-इंडिया पर जांच एजेंसी का और कसा शिंकजा, पहला आरोपपत्र दायर, जानें पूरा मामला?

Vivo India: ईडी ने पिछले साल जुलाई में विवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ छापा मारा था। एसेंजी ने आरोप था कि भारत में टैक्स भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी रकम अवैध रूप से चीन को हस्तांतरित की

Report :  Viren Singh
Update:2023-12-07 12:53 IST

Vivo India (सोशल मीडिया) 

Vivo India Case: चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग चल रही जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को अपना पहला आरोप पत्र दायर किया है। एजेंसी ने कहा कि अभियोजन की शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक विशेष अदालत के समक्ष दायर की गई है और इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के अलावा विवो-इंडिया को भी आरोपी बनाया गया है।

ये लोग गिरफ्तार

ईडी ने लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के एमडी हरिओम राय समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में चीनी नागरिक गुआंगवेन उर्फ एंड्रयू कुआंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन गर्ग और राजन मलिक शामिल हैं।

कोर्ट ने जारी किया नया नोटिस

इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जेल अधीक्षक को लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय की कार्डियोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पर मेडिकल स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश के साथ एक नया नोटिस जारी किया था। लावा प्रमुख राय की गिरफ्तारी को लेकर बेहद चिंतित' हैं। वहीं, ईडी ने नई दिल्ली की एक स्थानीय अदालत के समक्ष अपने रिमांड दस्तावेजों में दावा किया कि गिरफ्तार किए गए चारों लोगों की कथित गतिविधियों ने विवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया था। यह भारत की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था।

2022 में जांच एजेंसी ने मारा था छापा

बता दें कि ईडी ने पिछले साल जुलाई में विवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ छापा मारा था। तब जांच एसेंजी ने आरोप लगाया था कि भारत में टैक्स भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये की भारी रकम अवैध रूप से चीन को हस्तांतरित की गई थी। जिसके बाद जांच एजेंसी ने इन लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करते हुए चीनी नागरिकों और देश में कारोबार कर रहीं चीनी कंपनियों के कई लोगों को गिरफ्तार किया था और बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया गया था।

लावा के प्रबंध निदेशक ने दायर की जमानत याचिका

इस कार्रवाई पर तब विवो-इंडिया कंपनी ने कहा था कि वह दृढ़ता से अपने नैतिक सिद्धांतों का पालन करती है और कानूनी अनुपालन के लिए समर्पित है। हाल ही में लावा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक हरिओम राय ने एक अदालत को बताया था, उनकी कंपनी और वीवो-इंडिया एक दशक पहले भारत में एक संयुक्त उद्यम शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे थे, लेकिन 2014 के बाद से उनका चीनी कंपनी या उसके प्रतिनिधियों से कोई लेना-देना नहीं है। राय ने मेडिकल आधार का हवाला देते हुए ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है।

कंपनी के गठन में हुआ जाली दस्तावेजों का उपयोग

एजेंसी ने वीवो की सहयोगी कंपनी ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में दिल्ली पुलिस की एफआईआर का अध्ययन करने के बाद 3 फरवरी 2023 को निदेशक, शेयरधारक और कुछ अन्य पेशेवर के खिलाफ एक प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जीपीआईसीपीएल और उसके शेयरधारकों ने दिसंबर 2014 में कंपनी के गठन के समय "जाली" पहचान दस्तावेजों और "गलत" पते का इस्तेमाल किया था।

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