FASTag Recharge: फास्टैग चार्ज के लिए ई-वॉलेट में रखे पैसे का लाभ उठा रही ये कम्पनियां, जानें पूरी जानकारी
FASTag Recharge: साल 2022 में देश में 1,181 टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स की वसूली की जा रही है। इसमें 323 राज्य राजमार्ग प्लाजा शामिल हैं। इससे पहले 2021 में यह संख्या 922 थी। सरकार ने 16 फरवरी, 2021 से सारे निजी व वाणिज्यिक वाहनों में फास्टैग को अनिवार्य बना दिया था।
FASTag Recharge: साल 2019 से पहले यह किसी ने नहीं सोचा था कि टोल प्लाजा पर भुगतान के लिए लंबे-लंबे जमों से उससे मुक्ति मिलेगी, लेकिन केंद्र सरकार की दूरदृष्टि के चलते ऐसा संभव हो सका। अब लोग बिना किसी देरी के टोल भुगतान करते हुए हाईवे से आवागमन कर रहे हैं। इससे लोगों को दो फायदे हो रहे हैं, एक तो भुगतान करने के लिए वाहनों को रोकना नहीं पड़ा रहा है, इससे ईंधन की बचत हो रही है और दूसरा लोगों को समय बच रहा है। भारत सरकार ने 15 दिसंबर, 2019 से देशभर के नेशनल व स्टेट हाईवे के टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर रखा है। तीन पहिया के ऊपर की हर गाड़ियों पर फास्ट टैग कार्ड लागना होना जरूरी है।
ऐसे में अगर कोई वाहन बिना फास्ट टैग टोल प्लाजा पर आता है तो उससे टोल शुल्क के साथ जुर्माना भी वसूला जाता है। एक बात याद रखें कि सरकार ने अलग-अलग वाहनों के अनुसार फास्ट टैग को लॉन्च किया हुआ है। ऐसे में अपने वाहन के अनुसार ही फास्ट टैग के कार्ड को लगाएं। अब सवाल उठता है कि फास्टैग चार्ज के लिए जो पैसा हम लोग रखते हैं, उस पैसे में मिलने वाले ब्याज का लाभ किसको मिलता है। तो आइये आज आपको इस लेख के माध्यम से फास्ट टैग के बारे में हर वो विस्तार से जानकारी मुहैया करवाते हैं, जो आपके लिए जानना जरूरी है।
क्या है फास्टैग और कैसे करता है काम?
टोल प्लाजा पर अनियमितताओं को रोकने और लोगों को भुगतान के लिए लंबे-लंबे लगने वाले जाम से मुक्त कराने के लिए सरकार कैशलेस टोल पेमेंट की सुविधा लेकर आई। सरकार ने इसको फास्ट टैग नाम दिया। फास्ट टैग में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) लगा होता है, जिसके जारिये वाहन मालिक का पैसा सीधे, उसके उस खाते के कटा जाता है, जिससे उसने फास्ट टैग को लिंक किया होता है। फास्ट टैग को हमेशा वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है, ताकि जब आपका वाहन टोल प्लाजा पर आए तो वहां पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्ट टैग को ट्रैक करते हुए टोल भुगतान कर ले। लोग अधिक संख्या में फास्ट टैग कार्ड का उपयोग करें, इसके लिए सरकार ने 23 सर्टिफाइड बैंक के साथ पार्टनरशिप की। यदि कोई नया वाहन खरीद रहा है तो उसको देश की ऑटोमोबाइल कंपनियां डिफॉल्ट रूप से FASTag RFID टैग प्रदान करवा रही हैं।
पैसा आपका मजा उठा रहीं ई-वॉलेट कंपनियों
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर, अशवनी राणा ने कहा कि यदि कोई ग्राहक फास्टैग चार्ज के लिए किसी भी ई-वॉलेट में पैसा रखता है और उससे चर्जा करता है तो वॉलेट पर इक्कठा पैसा पर मिलने वाले ब्याज का हकदार वह न होकर बल्कि ई-वॉलेट होता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप पेटीएम की ई-वॉलेट पर पैसा रखते हैं और उससे चर्जा करते हैं तो पेटीएम की ई-वॉलेट पर रखे पैसा का मिलने वाला ब्याज का हकदार पेटीएम कंपनी होगी,क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि ई-वॉलेट पर रखा पैसा का ब्याज मिलता है। यदि आप अपना पैसा बैंक के खाते पर रखते हैं और इससे लिंक होकर फास्टैग का चर्जा करते हैं तो बैंक आपको खाते पर रखे पैसा का ब्याज प्रदान करता है। जब तक बैंक के खाते में आपका पैसा है, तब आप ब्याज ले सकते हैं।
यहां से ले सकते हैं फास्टैग कार्ड
इसके अलावा लोग अन्य माध्यम से भी फास्टैग खरीद सकते हैं। इसमें Axis Bank, HDFC Bank, ICICI Bank या State Bank of India (SBI) बैंक के ऑनलाइन पोर्टल से लेकर Airtel Payments Bank, Amazon और Paytm तक शामिल हैं। 31 Bank Fastag की सुविधा दे रही है, वहाँ से ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन करके फास्टैग मंगवा सकते है। इसके अलावा आप Fastag को नेशनल हाईवे टोल प्लाजा, रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस, कॉमन सर्विस सेंटर और पेट्रोल पंपों के 28,000 प्वाइंट ऑफ सेल लोकेशन यानी (POS) से ले सकते हैं।
इन प्रकार के होते हैं फास्टैग?
जब भी आप अपने वाहन के लिए फास्टैग कार्ड ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन खरीदें तो वाहन के मुताबिक ही इस कार्ड को लें, क्योंकि सरकार ने देश में कई प्रकार के फास्टैग को लॉन्च किया हुआ है जो हर वाहन के अनुसार अलग है। फास्टैग को सात अलग-अलग रंगों में बांट गया है। जैसे कि
निजी कार के लिए Violet Color का फास्टैग लगता है।
Small Commercial Vehicle के लिए Orange Color का फास्टैग उपयोग किया जाता है।
2 Axle Vehicle के लिए Green Color का फास्टैग मिलता है।
3 Axle Vehicle के लिए Yellow Color का फास्टैग होता है।
4,5,6 Axle Vehicle के लिए Pink Color का फास्टैग होता है।
7 Axle Vehicle के लिए Sky Blue Color का फास्टैग जारी किया जाता है
Machinery Vehicle के लिए Black Color का फास्टैग जारी किया जाता है।
ऐसे खरीदें ऑनलाइन फास्टैग
अगर कोई ऑनलाइन फास्टैग खरीदता तो उसको अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) का चित्र अपलोड करना होता है। एयरटेल थैंक्स ऐप के जरिए फास्ट टैग को 450 रुपये में खरीद सकते हैं। इसमें 200 रुपये रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट, 100 रुपये वन-टाइम टैग कॉस्ट और 150 रुपये का न्यूनतम बैलेंस होता है। इसके अलावा 150 रुपए का कैशबैक भी मिलता है। वहीं, पेटीएम 500 रुपये का फास्टैग उपलब्ध करवाता है। इसमें 100 रुपये फास्ट टैग की कीमत, 250 रुपये की रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट और 150 रुपये का न्यूनतम बैलेंस होता है।
कहां से करें रिचार्ज
अगर आपके पास फास्टैग लगा है तो आप आराम से क्रेडिट कार्ड,डेबिट कार्ड,एनईएफटी, आरटीजीएस का उपयोग करके, नेट बैंकिंग और यूपीआई के माध्यम से फास्टैग के खाते को रिचार्ज कर सकते हैं। यहां पर न्यूनतम 100 रुपये लेकर अधिकतम 1 लाख रुपये तक एक बार में रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा एंड्रॉयड एप MyFASTag का उपयोग करके भी लोग रिचार्ज कर सकते हैं। यहां पर आप यूपीआई पेमेंट के जरिये फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं।
1 हजार से अधिक टोल प्लाजा पर उपयोग हो रहा फास्टैग
एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में देश में 1,181 टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स की वसूली की जा रही है। इसमें 323 राज्य राजमार्ग प्लाजा शामिल हैं। इससे पहले 2021 में यह संख्या 922 थी। सरकार ने 16 फरवरी, 2021 से सारे निजी व वाणिज्यिक वाहनों में फास्टैग को अनिवार्य बना दिया था। इसके बाद से जिन वाहनों में फास्टैग नहीं लगा होगा, उन्हें जुर्माने के रूप में टोल शुल्क की दोगुनी राशि का भुगतान का प्रावधान रखा है,ताकि लोग अधिक संख्या में इसका उपयोग करें।
लेन-देन पर मिलता है अलर्ट
फास्टैग पर लेन-देन होने पर ग्राहकों को एसएमएस और ईमेल पर अलर्ट मिलता रहता है कि आपके खाते से कितना पैसा कटा है। इस हिसाब से आप अपने फास्टैग के बैलेंस की जानकारी रख सकते हैं। अधिकांश लोगों के मन में सवाल उठता है कि किस स्थिति में बिना भुगतान के टोल प्लाजा से जा सकते हैं। तो आपको बता दूं कि यदि टोल पर लगे स्कैनर में कोई खराबी आ जाती है और वह स्कैन नहीं कर पा रहा तो आप बिना शुल्क भुगतान के वहां से जा सकते हैं।