New Foreign Trade Policy: समय से पहले घोषित हुई नई विदेश व्यापार नीति 2023, रखा गया 2 ट्रिलियन डॉलर निर्यात का लक्ष्य
New Foreign Trade Policy: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विदेश व्यापार नीति-2023 का अनावरण किया। पहले सरकार इस नीति को 2028 में लागू करने जा रही थी।
New Foreign Trade Policy: धीमी वैश्विक व्यापार के बीच भारत के व्यापार के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 31 मार्च, शुक्रवार को नई विदेशी व्यापार नीति-2023 की घोषणा कर दी है। इसमें खास बात यह है कि सरकार ने इस नीति को देश में पांच साल पहले लागू कर दी है। इस नीति के तहत सरकार का लक्ष्य भारत के सामान और सेवाओं के निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का है।
DGFT का बयान हो सकती अपडेट
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को विदेश व्यापार नीति-2023 का अनावरण किया। सरकार पहले नई विदेशी व्यापार नीति को 2028 में लागू करना था ,लेकिन बाजार के मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे इसी साल लागू कर दिया है। इस पर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने आज कहा कि नई विदेश व्यापार नीति की कोई अंतिम तिथि नहीं है, इसे आवश्यकता पड़ने पर अपडेट किया जाएगा। DGFT ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में कुल निर्यात US$ 760bn को पार करने का अनुमान है।
लागू नीति के फायदे
नई विदेश व्यापार नीति प्रोत्साहन से छूट की ओर एक कदम को चिह्नित करेगी, निर्यातकों, राज्यों, जिलों और भारतीय मिशनों के सहयोग से निर्यात प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित करेगी, व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देगी और ई-कॉमर्स और निर्यात हब जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
कई बार बढ़ी विदेश व्यापार नीति
मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के वैश्विक व्यापार पूर्वानुमान में 2023 में वैश्विक व्यापार में एक प्रतिशत की मंदी की भविष्यवाणी की गई है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि मार्च 2023 तक, भारत का नाममात्र जीडीपी लगभग 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। वर्तमान विदेश व्यापार नीति (2015-20) प्रभावी रहने का आज अंतिम दिन है। हालांकि पॉलिसी की अवधि मार्च 2020 में समाप्त हो गई थी, लेकिन COVID-19 महामारी के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से इसे कई बार बढ़ा गया था।
760 अरब डॉलर पर समाप्त हो सकता कुल निर्यात
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2021-22 में 676 अरब डॉलर के मुकाबले 760 अरब डॉलर के कुल निर्यात के साथ इस वित्तीय वर्ष को समाप्त करने की संभावना है। दरअसल, चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और वैश्विक व्यापार में मंदी से भारत का व्यापार प्रभावित हुआ है।
2022 की दूसरी छमाही में धीमा रहा वैश्विक व्यापार
29 मार्च को फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने एक मीडिया को बताया था कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में वैश्विक व्यापार धीमा हो गया है। साल 2021 वैश्विक व्यापार के लिए सबसे अच्छा सालों में से एक था। उन्होंने कहा कि मांग में कमी के साथ कच्चे माल की कीमतें घटी हैं, जोकि निर्यात पर अपना असर डाली हैं। उन्हें उम्मीद है कि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में वैश्विक व्यापार में सुधार हो सकता है, लेकिन कुल मिलाकर चुनौतियां जारी रहने की संभावना है।