Free Look Period: इंश्योरेंस खरीदने में हुए ठगी का शिकार तो बीमा कंपनी को लौटा सकते हैं अपनी पॉलिसी, मिलेगा पूरा रिफंड
Free Look Period- बीमा धारक को लगता है कि वह ठग लिया गया है। मतलब कि पॉलिसी के बारे में उसे जो कुछ भी बताया गया था, पॉलिसी दस्वावेज में वैसा कुछ भी नहीं है। ऐसी स्थिति में वह फ्री लुक पीरियड के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।
Free Look Period: इंश्योरेंस यानी बीमा एक बाध्यकारी अनुबंध है। मतलब पॉलिसीधारक बीमा पॉलिसी की शर्तें मानने को बाध्य है। वह चाहकर भी नियम-शर्तों में संशोधन नहीं कर सकता है। पॉलिसी लेना या नहीं लेना, सिर्फ यह ही उसके बस में है। ऐसे में भारतीय जीवन बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कस्टमर को एक विशेष अधिकार दिया है। इसके तहत बीमा पॉलिसी जारी हो जाने के बाद भी बीमाधारक कंपनी को पॉलिसी लौटा सकता है और अपनी जमाराशि वापस ले सकता है। इसे फ्री लुक अवधि (Free Look Period)/कूलिंग पीरियड कहा जाता है। आइये जानते हैं कि जीवन बीमा में क्या होता है फ्री लुक पीरियड?
भारत में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 34 गैर जीवन बीमा कंपनियां काम कर रही हैं। एक पुनर्बीमा कंपनी भी है। पॉलिसीधारक ने किसी भी इंश्योरेंस कंपनी से बीमा लिया है। प्रस्ताव प्रपत्र के साथ पैसे भी जमा कर दिये हैं। इसके बाद बीमा कंपनी ने प्रथम प्रीमियम रसीद (FPR) और पॉलिसी दस्तावेज भी जारी कर दिया है। लेकिन, कस्टमर को लगता है कि वह ठग लिया गया है। मतलब कि पॉलिसी के बारे में उसे जो कुछ भी बताया गया था, पॉलिसी दस्वावेज में वैसा कुछ भी नहीं है। उसे लगता है कि गलत जानकारी के आधार पर उसका बीमा किया गया है। ऐसी स्थिति में वह फ्री लुक पीरियड के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।
15 दिनों का होता है फ्री लुक पीरियड
फ्री लुक यानी कूलिंग पीरियड 15 दिनों का होता है। इस अवधि में बीमा कंपनी को वह पॉलिसी रिटर्न कर सकता है। ये 15 दिन कस्टमर को पॉलिसी दस्तावेज रिसीव होने की तारीख से गिने जाएंगे। इस दौरान कस्टमर बीमा कंपनी को पॉलिसी लौटाकर अपना पैसा वापस ले सकता है। पॉलिसी दस्तावेज मिलने के 15 दिनों के भीतर उसे बीमा कंपनी को लिखित में सूचित करना होगा कि वह अपनी पॉलिसी को लौटाना चाहता है। कस्मटर द्वारा सूचना मिलते ही बीमा कंपनी को ग्राहक के पैसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर देनी होगी।
कंपनी कितना पैसा वापस करेगी?
फ्री लुक अवधि में कस्टमर की सूचना पर बीमा कंपनी उसका बीमा निरस्त कर देगी और उसकी धनराशि लौटा देगी। इस दौरान बीमा कंपनी पॉलिसीधारक को कवर की गई अवधि के लिए आनुपातिक प्रीमियम, चिकित्सा जांच और स्टाम्प चार्ज पर किये गये खर्चों का समायोजन करने के बाद प्रीमियम वापस कर देगी। बीमाधारक चाहे तो खुद अपनी पॉलिसी फ्री-लुक करवाने के लिए बीमा कंपनी में आवेदन कर सकता है या फिर एजेंट के जरिये भी करवा सकता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प
पॉलिसी फ्री लुक कराने के लिए बीमा कंपनी को लिखित में आवेदन करना होगा। यह प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से भी की जा सकती है। फ्री लुक से करने से पहले बीमा कंपनी आपसे पॉलिसी डॉक्युमेंट, प्रथम प्रीमियम रसीद, कैंसिल चेक जैसे कागजात मांग सकती है। इसके बाद आपका प्रीमियम रिफंड कर दिया जाएगा। ऊपर बताई गईं कटौतियों के बाद बीमा कंपनी पूरे पैसे वापस कर देगी। अधिक जानकारी के लिए इंश्योरेंस सेक्टर के नियामक IRDAI से की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं या फिर खुद अपनी बीमा कंपनी में जाकर पता करें।