Go First: दिवालिया होने की कगार पर वाडिया ग्रुप का गो फर्स्ट, 3-4 मई को उड़ान नहीं भरेंगे विमान...DGCA ने किया शोकॉज

Go First Airlines Suspends Flights: वाडिया समूह की विमानन कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के सामने वॉलेंटरी इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसिडिंग्स के लिए आवेदन दिया है। एयरलाइन के सीईओ खोना ने कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी ने इंजन की सप्लाई नहीं की।

Update:2023-05-02 23:48 IST
प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Go First Airlines Suspends Flights : विमानन क्षेत्र (aviation sector) का बड़ा नाम और वाडिया समूह (Wadia Group) की गो फर्स्ट एयरलाइन ने खुद को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बढ़ते घाटे की वजह से कंपनी ने ये फैसला लिया है। कंपनी ने सीईओ कौशिक खोना ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि, कंपनी ने अपने 28 फ्लाइट्स को ग्राउडेंड किया है।

गो फर्स्ट एयरलाइन (Go First Airline) ने आगामी 3 दिनों के लिए अपनी बुकिंग बंद कर दी है। कंपनी के सीईओ कौशिक खोना (CEO Kaushik Khona) के मुताबिक, 'फंड की भारी कमी की वजह से 3 और 4 मई को उड़ानों को अस्थायी रूप से सस्पेंड रखा जाएगा। पीएंडडब्ल्यू (Pratt & Whitney) की ओर से इंजनों की आपूर्ति नहीं किए जाने के कारण 'गो फर्स्ट' को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण 28 विमानों को खड़ा करना पड़ा है।

दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू

वहीं, दूसरी तरफ गो फर्स्ट ने मंगलवार (02 मई) को दिल्ली में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) दिवालिया ऋण शोधन अक्षमता संहिता की धारा- 10 के तहत समाधान के लिए एक आवेदन दायर किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार के अनुसार, 'गो फर्स्ट एयरलाइन की 60 प्रतिशत से ज्यादा फ्लाइट ग्राउंडेड हो चुकी हैं। इन फ्लाइट्स के ग्राउंडेड होने से कई रूटों पर एयरलाइन की बुकिंग कैंसिल हो रही है। माना जा रहा है कि वाडिया के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट ने तेल विपणन कंपनियों के बकाए के कारण 3 और 4 मई के लिए उड़ानें निलंबित कर दी हैं।'

पेट्रोलियम कंपनियों का बकाया नहीं चुका पा रही कंपनी

मंगलवार सुबह खबर प्राप्त हुई थी कि, पेट्रोलियम कंपनियों का बकाया न चुका पाने की वजह से गो फर्स्ट एयरलाइन (Go First Airline) ने 3 और 4 मई को अपनी उड़ानों को कैंसिल कर दिया है। एयरलाइन गंभीर 'कैश क्रंच' झेल रही है। इसके अलावा, कंपनी को बार-बार होने वाले इश्यू और प्रैट एंड व्हिटनी इंजनों की सप्लाई होने की वजह से आधे से ज्यादा विमानों को ग्राउंडेड करना पड़ा है। ये इंजन एयरबस ए 320 नियो एयरक्राफ्ट को पॉवर सप्लाई करते हैं।

...तो कंपनी को दैनिक भुगतान करना होगा
वाडिया ग्रुप की गो फर्स्ट एयरलाइन 'स्ट्रैटिजिक इंवेस्टर' की तलाश में जुटी है। कंपनी संभावित निवेशकों से बात कर रही है। ऑयल मार्केटिंग कंपनी के ​एक अधिकारी के मुताबिक गो फर्स्ट एयरलाइन 'कैश एंड कैरी' मोड पर है। इसका मतलब है कि, इसे ऑपरेट करने वाली उड़ानों की संख्या के लिए दैनिक भुगतान करना होगा। इस बात पर सहमति बनी है कि अगर भुगतान नहीं होता है तो वेंडर कारोबार बंद कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि, विमानन कंपनी उसी ट्रैक की ओर जा रही है जिस तरह कभी किंगफिशर गई थी। गो फर्स्ट की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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