Go First Crisis: एनसीएलटी ने दी गो फर्स्ट की इन्सॉल्वेंसी याचिका को मंजूरी, बोर्ड किया भंग, 15 मई तक उड़ानें रद्द
Go First Crisis: ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट के लिए एक नए इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) की नियुक्ति की भी अनुमति दी है। अभिलाष लाल को आईआरपी नियुक्त किया गया है। उधर, एयरलाइन कंपनी ने 15 मई तक अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं।
Go First Crisis: नगदी संकट से जूझ रही घरेलू एयरलाइंस गो फर्स्ट को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) से बड़ी राहत मिली है। NCLT ने बुधवार को गो फर्स्ट की इन्सॉल्वेंसी याचिका पर बीते 5 मई को सुनवाई कर रखे सुरक्षित फैसले को सुनाया। अपने फैसले ने पीठ ने कहा कि गो फर्स्ट की इन्सॉल्वेंसी याचिका को मंजूरी दे दी गई है। ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट के लिए एक नए इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) की नियुक्ति की भी अनुमति दी, जो कैश-स्ट्रैप्ड एयरलाइन को पुनर्जीवित करने के लिए प्रबंधन संभालेंगे। इसके अलावा पीठ ने पट्टादाताओं और उधारदाताओं द्वारा वसूली से अधिस्थगन के तहत गो फर्स्ट सुरक्षा भी प्रदान की। ट्रिब्यूनल ने अभिलाष लाल को गो फर्स्ट को आगे बढ़ाने के लिए आईआरपी नियुक्त किया है।
पीठ से मिली कर्मचारियों को राहत
गो फर्स्ट की दिवालिया याचिका की सुनवाई एनसीएलटी के न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता में एक पीठ ने की। पीठ ने एयरलाइन को कार्यवाही की प्रारंभिक लागत के लिए आईआरपी के साथ 5 करोड़ रुपये जमा करने को कहा। आईआपी को निर्देशित किया गया है कि वह गो फर्स्ट को जारी रखें और किसी भी कर्मचारी की छंटनी न करें। एनसीएलटी ने गो फर्स्ट का पूर्व प्रबंधन निलंबित कर दिया है और आदेश दिया है कि वह कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने के लिए आईआरपी को सभी आवश्यक सहायता देनी चाहिए। पीठ ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि पूरी प्रक्रिया में किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होनी चाहिए।
19 मई तक हवाई उड़ानें भी रद्द
वहीं, एयलाइन गो फर्स्ट ने एक बार अपनी सभी हवाई उड़ानों को रद्द कर दिया है। कंपनी की सभी फ्लाइट्स 19 मई तक रद्द कर दी गई हैं। इससे पहले कंपनी 3 मई से लेकर 5 मई तक अपनी सभी हवाई उड़ानें कैसिंल कर चुका था। उसके बाद 12 मई तक भी उड़ानें रद्द कर दी थीं। और अब 19 मई तक गो फर्स्ट ने अपनी सारे हवाई उड़ानें कैंसिल कर दी हैं।
सीईओ खोना ने कहा ऐतिहासिक फैसला
एनसीएलटी के फैसले पर गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने कहा कि फैसला सबसे अच्छा परिणाम था, जिसकी कंपनी ने उम्मीद की थी। पीठ का फैसला इतिहास और कार्यवाही की गति के लिहाज से एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कहा कि यह हमारे साथ हुई सबसे अच्छी बात है। अब हम आईआरपी के साथ भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे। हमारा काम यह देखना था कि एयरलाइन नीचे न जाए। एनसीएलटी के स्थगन आदेश से पट्टेदारों को विमान वापस लेने से रोका जा सकेगा।
जानिए क्या है मामला?
आपको बता दें कि वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने 2 मई को स्वैच्छिक दिवालिया याचिका एनसीएलटी में दायर की थी। इस याचिका के साथ कंपनी ने 3 से 5 मई तक और फिर 12 मई तक अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी थी। एयरलाइंस ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 10 के तहत एक आवेदन दायर किया था और स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी। 4 मई को पीठ गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा लिया था, जिस पर 10 मई को निर्णय दिया है। कंपनी ने इस संकट के लिए इंजन आपूर्ति कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदार करार दिया है और उससे हर्जाने के रूप में $1 बिलियन की मांग की है।