Trending News: महंगा होगा लैपटॉप-टैबलेट, इंपोर्ट पर लगी रोक, अब भारतीय टेक्नोलॉजी की इन कंपनियों के आएंगे ‘अच्छे दिन’

Imports Laptop Tablet: सरकार के इस कदम से अब देश में उद्योग भागीदारों को वैध लाइसेंस मिलेंगे, जिससे उन्हें व्यापार में किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। वहीं, आने वाले दिनों में शायद लैपटॉप-टैबलेट की कीमतों में इजाफा हो जााए।

Update: 2023-08-04 12:09 GMT
Imports Laptop Tablet (सोशल मीडिया)

Imports Laptop Tablet: भारत सरकार द्वारा पर्सनल कंप्यूटर (पीसी), लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करने के फैसले से एक बार फिर उन देशी कंपनियों में जान आ गई, जो पीसी, लैपटॉप और टैबलेट के निर्माण में लगी हुईं हैं, लेकिन अमेरिका, चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया की कंपनियों को आगे अपने ही देश में पिछड़ी हुईं थी। इस फैसले को लागू करने का सरकार का एक ही मकसद है कि वह चाहती है कि इन वस्तुओं का निर्माण देश के अंदर अधिक से अधिक किया जाए। प्रतिबंध बाद अब देश में जो भी पर्सनल कंप्यूटर (पीसी), लैपटॉप और टैबलेट आयाता होगा, वह सीमित संख्या में लाइसेंस के तहत किया जाएगा। किसी प्रोडक्ट के आयात पर प्रतिबंध लगाने का मतलब विदेशों से आने वाले उन प्रोडक्‍ट्स को लाने के लिए लाइसेंस या फिर सरकार की अनुमित लेना अनिवार्य है।

इनको मिलेगी छूट

हालांकि सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर को भी आयात लाइसेंस आवश्यकताओं से छूट दी है, यदि वे पूंजीगत वस्तुओं का अनिवार्य हिस्सा हैं। दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने गुरुवार (3 अगस्त) को जारी एक अधिसूचना में कहा कि एचएसएन कोड 8471 की सात श्रेणियों के तहत कंप्यूटर और अन्य वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन यह प्रतिबंध बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा। इसके पीछे तर्क दिया गया कि मोदी सरकार मेक इन इंडिया के तहत इन उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन से इन वस्तुओं के आयात के अधिकांश हिस्से को कम करने के उद्देश्य से लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर के आयात को प्रतिबंध किया गया है।

प्रतिबंध से डेल व एचपी को नहीं फर्क

आयात प्रतिबंध से उन विदेशी कंपनियों को बड़ा झटका मिला है, जो लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर व टैबलेट का निर्माण भारत में नहीं करती हैं। देश में अधिकांश संख्या में लोग लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर डेल व एचपी का उपयोग करते हैं। इस कदम से इन कंपनियों के कारोबार में कोई गिरावट आने की संभावना नहीं दिख रही है,क्योंकि इन कंपनियों की पहले से देश में मैन्यूफैक्चरिंग इकाई है और यह भारत में प्रोडक्ट बनाकर बिक्री कर रहे हैं। फिलहाल, घाटा तो लेनोवो (चीन), एमएसआई (ताइवान), सैमसंग (दक्षिण कोरिया) और हाल ही में लैपटॉप लॉन्च करने वाली शाओमी (चीन) जैसे कंपनियों को होगा, इन्हें अब भारतीय बाजार में अधिक विस्तार करने में समस्या का सामना करना पड़ेगा।

घरेलू टेक्नोलॉजी कंपनियों के आए अच्छे दिन

वहीं, स्मार्ट्रोन इंडिया, एजीबी, एचसीएल, माइक्रमैक्स इंफॉर्मेटिक्स, आईबॉल, लावा व आरडीपी जैसी घरेलू कंपनियों को फायदा मिलने वाला है, जो बीते कई वर्षों से लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर के निर्माण में लगी हुई हैं। इस पर इंडियन सेल्यूर एंड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन के एक व्यक्ति कहना है कि सरकार के इस कदम से अब देश में उद्योग भागीदारों को वैध लाइसेंस मिलेंगे, जिससे उन्हें व्यापार में किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े। कुछ बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार के इस कदम से लैपटॉप व टैबलेट की कीमतों में आने वाले दिनों शायद बढ़ोतरी देखने को मिले।

आयात पर प्रतिबंध की अधिसूचना क्या कहती है?

अधिसूचना में कहा गया है कि एचएसएन 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और 'अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर' कंप्यूटर और सर्वर का आयात 'प्रतिबंधित' होगा और प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस के खिलाफ उनके आयात की अनुमति होगी। इसके अलावा एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर या अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर के आयात के लिए आयात लाइसेंस आवश्यकताओं से छूट दी गई है, जिसमें पोस्ट या कूरियर के माध्यम से ई-कॉमर्स पोर्टल से खरीदे गए कंप्यूटर भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि आयात पर लागू शुल्क का भुगतान करना होगा।

आर एंड डी (अनुसंधान और विकास), परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन मरम्मत और पुनः निर्यात, और उत्पाद विकास उद्देश्यों के लिए सरकार ने प्रति खेप 20 वस्तुओं तक आयात के लिए आयात लाइसेंस से छूट दी है। हालांकि शर्त यह होगी कि इन आयातों को केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए उपयोग की अनुमति होगी न कि बिक्री के लिए। अधिसूचना में कहा गया है कि इच्छित उद्देश्य के बाद उत्पादों को या तो उपयोग से परे नष्ट कर दिया जाएगा या फिर से निर्यात किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि विदेश व्यापार नीति के अनुसार, विदेश में मरम्मत किए गए माल की मरम्मत और पुन: आयात की वापसी के लिए प्रतिबंधित आयात के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।

क्यों लगाए गए हैं प्रतिबंध?

दरअसल, लैपटाप,टैब, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर जैसे प्रोडक्ट के निर्माण में घरेलू स्तर को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा की थी। यह योजना 2021 में घोषित हुई थी। लेकिन इसमें कोई खास परिणाम नहीं मिलने की वजह से सरकार ने इस मई में पुरानी स्कीम में बदलाव करते हुए इंसेंटिव के लिए दो अरब डालर देने की घोषणा की थी, जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह उपाय कंपनियों को भारत में स्थानीय स्तर पर निर्माण करने के लिए प्रेरित करना है, क्योंकि देश इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अपनी घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत करना चाहता है।

पिछले साल हुआ 77 अरब डालर का आयात

भारत में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक सामान और लैपटॉप व कंप्यूटर के आयात में वृद्धि देखी गई है। इस साल अप्रैल-जून के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आयात एक साल पहले की अवधि के 4.73 अरब डॉलर से बढ़कर 6.96 अरब डॉलर हो गया, जिसमें कुल आयात में 4-7 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। साल 2021-22 में देश में 7.37 अरब डालर मूल्य के लैपटॉप और पीसी आयात किया गया। हालांकि 2022-23 में इसमें कुछ गिरावट आई और यह घटकर 5.33 अरब डॉलर मूल्य का रहेगा। वहीं, साल 2022-23 में देश में 77 अरब डालर का इलेक्ट्रानिक्स वस्तुओं का आयात किया गया।

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