ITR Filing: समय पर इनकम टैक्स नहीं भरने पर देना होगा जुर्माना, इन परेशानियों का भी करना पड़ेगा सामना

ITR Filing: केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि आयकर रिटर्न भरने की निर्धारित तारीख को आगे बढ़ाने का उसका कोई इरादा नहीं है। इसका मतलब है कि रिटर्न भरने का डेडलाइन 31 जुलाई 2022 ही रहेगा।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-25 18:25 IST
Income Tax। (Social Media)

ITR Filing: केंद्र सरकार (central Government) ने स्पष्ट कर दिया है कि आयकर रिटर्न (income tax return) भरने की निर्धारित तारीख को आगे बढ़ाने का उसका कोई इरादा नहीं है। इसका मतलब है कि रिटर्न भरने का डेडलाइन 31 जुलाई 2022 ही रहेगा। ऐसे में गिनती के दिन शेष रह गए हैं। यदि आप जुर्माना नहीं देना चाहते और साथ ही अन्य परेशानियों का भी सामना नहीं करना चाहते हैं तो फटाफट अन्य कामों को छोड़कर पहले इसे निपटा लें।

दरअसल अभी भी ऐसे करदाताओं की कमी नहीं है, जो इस उम्मीद में बैठे हैं कि सरकार आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बढ़ा सकती है। हालांकि, राजस्व सचिव तरूण बजाज (Revenue Secretary Tarun Bajaj) ने साफ कर दिया है कि केंद्र 31 जुलाई की समय सीमा आगे बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है।

इतने लोग फाइल कर चुके हैं आईटीआर

हालिया सर्वे के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक करदाताओं ने अभी तक आईटीआर दाखिल नहीं किया है। इनमें से 37 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिनका कहना है कि डेडलाइन तक वह ऐसा करने में असमर्थ हैं। आयकर विभाग (Income tax department) के मुताबिक, ई-फाइलिंग सिस्टम के माध्यम से अब तक साल 2022-23 के लिए 2 करोड़ से अधिक रिटर्न जमा किए जा चुके हैं। राजस्व सचिव का कहना है कि अभी तक हर बार ऐसा होता आया है कि आईटीआर फाइल करने की तारीख अंत में बढ़ा दी गई है। इसलिए लोग इसबार भी ऐसा ही सोच रहे थे, लेकिन अब सरकार द्वारा स्थिति साफ किए जाने के बाद आईटीआर फाइल करने की रफ्तार बढ़ी है।

इतना लगेगा जुर्माना

अगर आप डेडलाइन के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो इनकम टैक्स के सेक्शन 234A और अंडर सेक्शन 234F के तहत आपको पेनल्टी के साथ टैक्स पर ब्याज भी देना पड़ेगा। टैक्स जानकारों के मुताबिक, अगर कोई करदाता 31 जुलाई 2022 की ड्यू डेट तक अपना आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है तो उस स्थिति में करदाता लेट फीस भरने के बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेगा। अगर करदाता की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रूपये या उससे कम है तो लेट फीस 1000 रूपये होगी। हालांकि, अगर करदाता की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रूपये से अधिक है तो लेट फीस 5000 रूपये के बराबर होगी।

आईटीआर क्यों है जरूरी

वर्तमान में आईटीआर फाइल करना बेहद आवश्यक हो गया है। इसके बगैर आपके कई जरूरी कम अटक सकते हैं। इसके बिना बैंक आपका लोन अप्रुव नहीं करेगा। यदि आप 1 करोड़ रूपये तक का भारी भरकम बीमा करवाना चाहते हैं तो बगैर आईटीआर के ये संभव नहीं है। इसके अलावा अगर कोई छोटा-मोटा व्यापार कर रहे हैं और आपकी मंशा इसे बढ़ाने की है, तो ये आप बिना आईटीआर की मदद से नहीं कर सकते क्योंकि सरकारी विभाग हो या बड़ी कंपनियां उन्हीं कारोबारोयों से उत्पाद खरीदती हैं, जो बीते 2 – 3 सालों से आईटीआर फाइल कर रहे हों। आईटीआर आय का सबूत तो है ही साथ ही आप इसे पहचान के सबूत के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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