ATM Card Insurance: ATM कार्ड पर मिलता है 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस! क्लेम के लिए जानें ये जरूरी नियम

ATM Card Insurance: बैंक जैसे ही किसी ग्राहक को एटीएम कार्ड इश्यू करता है, उसके साथ ही ग्राहक को 5 लाख तक का फ्री में इंश्योरेंस मिल जाता है। लेकिन आमतौर पर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है।

Update:2023-06-28 16:28 IST
ATM Card Insurance

ATM Card Insurance: कैश विड्रॉल के अलावा एटीएम कार्ड पर हमें इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है। बैंक जैसे ही किसी ग्राहक को एटीएम कार्ड इश्यू करता है, उसके साथ ही ग्राहक को 5 लाख तक का फ्री में इंश्योरेंस मिल जाता है। लेकिन आमतौर पर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है। जिसके चलते कुछ ही लोग इसका फायदा उठा पाते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको ATM इंश्योरेंस से जुड़ी सारी जानकारी दे रहे हैं।

इन लोगों को मिलता है इंश्योरेंस का लाभ
एटीएम कार्ड इंश्योरेंस की सुविधा किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक के एटीएम कार्ड में मिलती है। अगर कोई व्यक्ति कम से कम 45 दिनों से एटीएम कार्ड का यूज कर रहा है, तो वह इंश्योरेंस क्लेम कर सकता है। इसके साथ ही आपको इंश्योरेंस का लाभ कितना मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका एटीएम कार्ड किस कैटेगरी का है।

अलग कार्ड पर मिलने वाले इंश्योरेंस की राशि
क्लासिक कार्ड- 1 लाख रुपये का इंश्योरेंस, प्लेटिनम कार्ड- 2 लाख रुपये, सामान्य मास्टर कार्ड- 50 हजार रुपये का इंश्योरेंस, प्लैटिनम मास्टर कार्ड- 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस, वीजा कार्ड- 1.5 से 2 लाख रुपये का इंश्योरेंस, प्रधानमंत्री जनधन खाते के तहत मिलने वाले कार्ड पर 1 से 2 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलता है।

क्लेम करने का प्रोसेस
अगर एटीएम कार्डधारक किसी दुर्घटना में एक हाथ या एक पैर से दिव्यांग हो जाता है, तो उसे 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक का कवरेज मिलता है। इसी तरह दोनों हाथ या दोनों पैर का नुकसान होने पर 01 लाख रुपये का लाभ मिलता है। मौत होने की स्थिति में कार्ड के हिसाब से 01 लाख रुपये से 05 लाख रुपये तक इंश्योरेंस लाभ मिलता है।

इसके क्लेम के लिए कार्डहोल्डर के नॉमिनी को संबंधित बैंक में जाकर आवेदन करना पड़ता है। बैंक में एफआईआर की कॉपी, अस्पताल में इलाज का प्रमाणपत्र आदि जैसे कागजात जमा करने पर इंश्योरेंस का क्लेम मिल जाता है। वहीं मौत की स्थिति में कार्डहोल्डर के नॉमिनी को मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर की कॉपी, आश्रित का प्रमाण पत्र, मृतक के प्रमाण पत्र की मूल कॉपी आदि जमा करने पड़ते हैं। इसके बाद इंश्योरेंस का लाभ मिल जाता है।

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