अडानी पावर के विरोध में महाराष्ट्र के बिजली कर्मियों की आज रात से शुरू होगी हड़ताल, 4 को देश भर में विरोध सभा

Maharashtra News: महाराष्ट्र में अदानी को बिजली वितरण का लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया के विरोध यह दो दिवसीय हड़ताल नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स ने बुलाई है।

Written By :  Network
Update:2023-01-03 17:40 IST

Maharashtra News (सोशल मीडिया) 

Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार द्वारा गौतम अडानी समूह की कंपनी अदानी पावर को प्रदेश में बिजली वितरण लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया में अब बिजली कर्मियों के बीच विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कर्मचारी सरकार की इस प्रक्रिया को निजीकरण के रूप में देख रह हैं। महाराष्ट्र सरकार के इस कदम के खिलाफ प्रदेश के बिजली कर्मी दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है और यह मंगलवार रात से शुरू होने जारी रही है। अगले दो दिन तक महाराष्ट्र के लोगों को हो सकता है कि काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सके।

जानिए कब तक रहेगी हड़ताल

महाराष्ट्र में अदानी को बिजली वितरण का लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया के विरोध यह दो दिवसीय हड़ताल नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स ने बुलाई है। इसका कहना है कि महाराष्ट्र के 86000 बिजली कर्मी आज रात से 72 घण्टे की हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल 4 जनवरी तक जारी रही है। इस बीच 4 जनवरी को देश के सभी राज्यों में बिजली कर्मी विरोध सभा भी करेंगे। वहीं, इस हड़ताल के दौरान महाराष्ट्र का बिजली कर्मी ड्यूटी पर नहीं जाएगा।

न दिया जाए अडानी को लाइसेंस

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने मंगलवार को बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मांग की है कि अदानी पावर को महाराष्ट्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्य क्षेत्र में लाइसेंस न दिया जाए और इस पर महाराष्ट्र सरकार महाराष्ट्र के बिजली नियामक आयोग में अपना पक्ष साफ तौर पर रखे, जिससे अदानी को उन क्षेत्रों में बिजली वितरण का लाइसेंस न मिलने पाए। जहां पर उनका अपना कोई नेटवर्क नहीं है, क्योंकि इन क्षेत्रों में महाराष्ट्र का बिजली वितरण निगम सफलतापूर्वक बिजली आपूर्ति का काम कर रहा है। उसके बाद भी सरकार अडानी पॉवर को बिजली आपूर्ति का लाइसेंस देने जा रही है।

उन्होंने बताया कि हड़ताल के दौरान देश के किसी भी प्रान्त से कोई भी बिजली कर्मी महाराष्ट्र में बिजली आपूर्ति का कार्य करने नहीं जाएंगे। इस संदर्भ की जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दे गई है।

इन जगहों पर बिजली वितरण के लिए डाला लाइसेंस

उल्लेखनीय है कि अदानी नवी मुंबई इलेक्ट्रिकल कंपनी ने थाने, पनवेल, खारघर आदि वृहत्तर मुंबई के कई क्षेत्रों में बिजली वितरण का लाइसेंस लेने के लिए महाराष्ट्र के बिजली नियामक आयोग में अर्जी दी है। महाराष्ट्र के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों का संयुक्त मोर्चा इसका विरोध कर रहा है। संयुक्त मोर्चे की मांग है कि अदानी या किसी निजी घराने को ऐसे क्षेत्र में बिजली वितरण का लाइसेंस न दिया जाए जहाँ उनका अपना कोई नेटवर्क नहीं है और महाराष्ट्र की बिजली वितरण कंपनी सफलतापूर्वक आम उपभोक्ताओं को बिजली देने का काम कर रही है।

क्या कहता है इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 ?

उन्होंने ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के अनुसार एक ही क्षेत्र में दूसरा लाइसेंस दिया जा सकता है, किंतु इसकी बुनियादी शर्त यह है कि कंपनी को क्षेत्र में अपना नेटवर्क बनाना होगा, जहां वे बिजली आपूर्ति का लाइसेंस मांग रहे हैं। अदानी पावर ने जिन क्षेत्रों में लाइसेंस की मांग कर रहा है, वहां उसका कोई अपना इंफ्रास्ट्रक्चर या नेटवर्क नहीं है। कमेटी का आरोप है कि अदानी पावर महाराष्ट्र बिजली वितरण कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर केवल मुनाफे वाले क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करने की मंशा रखता है।

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 है विचाराधीन

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इसे एक बड़ी साजिश बताते हुए कहा है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 अभी स्टैंडिंग कमिटी के सामने विचाराधीन है। किंतु मुंबई में अदानी पावर को बिना अपना नेटवर्क बनाएं लाइसेंस देकर परोक्ष तौर पर इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के प्रावधान को लागू किया जा रहा है, जो सरासर गलत है और अस्वीकार्य है।

तबाहा हो जाएगा बिजली सेक्टर

उन्होंने बताया कि अदानी की तरह टोरेंट कंपनी ने भी पुणे,कल्यान, पिम्परी चिंचवड़, वाशी और चाकन में लाइसेंस के लिए अर्जी दी है तथा टाटा पावर ने औरंगाबाद और जलगांव का बिजली वितरण पीपीपी मॉडल पर लेने का की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो प्रयोग हो रहा है वह चौंकाने वाला है। अरबों खरबों रुपए से बनाये गये बिजली का नेटवर्क निजी घरानों को मुनाफा कमाने के लिए इस्तेमाल करने की छूट देने से बिजली सेक्टर पूरी तरह तबाह हो जाएगा।

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