किसानों से वापस लिए जाएंगे पैसे! घोटाले के बाद सतर्क हुई सरकार, उठाया बड़ा कदम

इतना बड़ा घोटाला आने के बाद सरकार सतर्क हो चुकी है और सरकार ने साफ तो पर संकेत दिए हैं कि जो भी इस योजना के हकदार नहीं हैं, उन्हें पैसा नहीं मिलेगा। वहीं अगर किसी तरह से इस योजना के तहत लाभ ले लिया गया है तो उसे वापस लिया जाएगा।

Update: 2020-09-27 07:01 GMT
किसानों से वापस लिए जाएंगे पैसे! घोटाले के बाद सतर्क हुई सरकार, उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली: देश भर के किसानों को आर्थिक राहत देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की शुरुआत की थी। इस योजना के लागू हुए 20 महीने से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन पहली बार इस योजना में बड़ा घोटाला हुआ है। योजना में घोटाला होने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। दरअसल, तमिलनाडु में सिस्टम में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये निकाल लिए गए। इसके बाद सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। वहां पर अब तक 61 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।

जो योजना के हकदार नहीं, उन्हें नहीं मिलेगा पैसा

वहीं इतना बड़ा घोटाला आने के बाद सरकार सतर्क हो चुकी है और सरकार ने साफ तो पर संकेत दिए हैं कि जो भी इस योजना के हकदार नहीं हैं, उन्हें पैसा नहीं मिलेगा। वहीं अगर किसी तरह से इस योजना के तहत लाभ ले लिया गया है तो उसे वापस लिया जाएगा। यही नहीं गलत तरीके से लिए गए पैसे वापस ना करने पर भी कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके अलावा इस काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी एक्शन लेने की तैयारी है।

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किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे गए 94 हजार करोड़

बता दें कि इस स्कीम के तहत अब तक किसानों के बैंक अकाउंट (Bank Account) में करीब 94 हजार करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य ने केंद्र सरकार के साथ विचार-विमर्श कर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया और प्रणाली को सुदृढ़ करने का काम शुरू किया है। हालांकि सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यह पूरी तरह से राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वो असली किसान परिवारों की पहचान करें।

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किसानों से वापस लिए जाएंगे पैसे (फोटो- सोशल मीडिया)

5.38 लाख फर्जी लाभार्थी

बता दें कि तमिलनाडु में अब तक 5.95 लाख लाभार्थियों के अकाउंट की जांच की जा चुकी है, जिसमें 5.38 लाख फर्जी पाए गए हैं। यानि राज्य में करीब 90 फीसदी तक फर्जी लाभार्थी पाए गए। इसके बाद अब संबंधित बैंकों के जरिए फर्जी लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में योजना के तहत डाली गई रकल को वसूला जा रहा है। राज्य में 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। साथ ही अपात्र लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन में लापरवाही बरतने वाले 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

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3 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों तथा 5 सहायक कृषि अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। ये लोग पासवर्ड का गलत उपयोग करने के लिए जिम्मेदार पाए गए थे। 13 जिलों में FIR दर्ज कराकर संविदा कर्मियों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाए गए ये कदम

जानकारी के मुताबिक, स्कीम के तहत कुछ बेईमान लोगों ने अपात्र लाभार्थियों की बड़ी संख्या में बुकिंग करने के लिए जिला अधिकारियों के लॉग-इन आईडी और पासवर्ड का दुरूपयोग किया था। वहीं इस काम में कृषि विभाग की ओर से रखे गए कांट्रैक्ट कर्मचारी भी शामिल पाए गए हैं। मामला सामने आने के बाद फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार ने तत्काल जिला अधिकारियों के पासवर्ड बदल दिए। इसके अलावा ब्लॉक स्तरीय PM Kisan अकाउंट और जिला स्तरीय PM Kisan लॉग-इन आईडी को निष्क्रिय कर दिया गया।

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