RBI का बड़ा झटका: मोदी सरकार की मुसीबतें फिर बढ़ी
आरबीआई ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है। ये फैसला आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPS) की बैठक में लिया गया है। इसी के साथ ही रेपो रेट अभी भी 5.15 फीसदी पर बरकरार है।
नई दिल्ली: ऐसा माना जा रहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट में कटौती कर सकता है। लेकिन आरबीआई ने सस्ते लोन की उम्मीदों को एक बड़ा झटका दिया है। दरअसल, आरबीआई ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है। ये फैसला आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPS) की बैठक में लिया गया है। इसी के साथ ही रेपो रेट अभी भी 5.15 फीसदी पर बरकरार है।
GDP ग्रोथ के अनुमान को किया 5 फीसदी
वहीं आरबीआई ने GDP ग्रोथ के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। आरबीआई के इस अनुमान से आर्थिक मोर्चे पर एक बड़ा झटका लगा है। बता दें कि, जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ दर 4.5 फीसदी रही, जो कि पिछले 6 सालों का न्यूनतम स्तर है। वहीं चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में GDP ग्रोथ दर 5 फीसदी थी। वहीं आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 3.5 फीसदी से बढ़ाकर 3.7 फीसदी कर दिया है।
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वहीं आरबीआई के फैसलों के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। दोपहर 11.30 बजे सेंसेक्सा 40,963.72 पर और निफ्टी 12,069.25 पर कारोबार कर रहे थे। लेकिन आरबीआई के ऐलान के बाद सेंसेक्स 40 अंक लुढ़ककर 40 हजार 800 के स्तरर पर पहुंच गया।
अक्टूबर तक हुई थी कटौती
साल 2019 में अभी तक रेपो रेट में 1.35 फीसदी कटौती की गई थी। इसका मतलब है कि, आरबीआई ने इस साल अक्टूबर महीने तक हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPS) की बैठक में रेपो रेट की दर घटाई गई है इससे पहले इसी साल अक्टूबर, 2019 में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की आखिरी कटौती हुई थी। रेपो रेट में इस कटौती के बाद ये 5.15 फीसदी पर पहुंच गया।
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हालांकि, बैंकों ने उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान बैंकों ने सिर्फ ग्राहकों तक केवल 0.29 फीसदी कटौती ही पहुंचाया है।
रेपो रेट
बता दें कि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेपो रेट के आधार पर ही बैंकों को कर्ज देता है। रेपो रेट जितना कम होता है, बैंकों के लिए उतना ही अधिक फायदेमंद होता है।
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