RBI MPC Meeting: RBI MPC का बैठक फैसला आज, कुछ ही देर में.... क्या बढ़ेगा रेपो रेट?

RBI MPC Meeting: आरबीआई जून नीति में विराम देगा। इसका मानना है कि लगातार वृद्धि के बाद रेपो रेट के 6.50 प्रतिशत पहुंचने के बाद अब एक लंबे विराम की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुख समायोजन की वापसी जारी रख सकता है, क्योंकि तरलता महत्वपूर्ण अधिशेष मोड में बदल गई है। केंद्रीय बैक मई 2022 लेकर फरवरी, 2023 तक रेपो रेट में कुल 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है।

Update:2023-06-05 19:17 IST
RBI MPC Meeting (सोशल मीडिया)

RBI MPC Meeting: पिछली मौद्रिक नीति सीमित (MPC) की बैठक में लिए गए निर्णय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा था, जिसके बाद बाजार में लोगों ने राहत की सांस ली थी। आरबीआई की वित्त वर्ष 2023-24 अगली एमपीसी बैठक 6 जून से शुरू हो रही है, जो कि 8 जून तक चलेगी। मुंबई में चलने जा रही तीन दिवसीय MPC की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे। इस बैठक के देखते हुए एक बार फिर से बाजार में सवाल उठाने लगे हैं कि क्या आरबीआई रेपो में वृद्धि करेगा या फिर पिछली बार की इस बार भी स्थिर रहेगा? फिलहाल इसका फैसला तो 8 जून को ही सामने आएगा। हालांकि स्टेस बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट को लेकर अपना प्रेडिक्शन जारी किया है। गुरुवार आरबीआई की एमपीसी के बैठक में लिए गए फैसला का दिन है। कुछ ही देर में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास फैसलों की जानकारी देंगे।

आज से शुरू होगी बैठक

6 जून यानी मंगलवार से शुरू हुई आरबीआई की MPC बैठक पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है। इसने यह भी कहा कि FY24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाया जा सकता है।

2000 नोट के जमा से बढ़ेगी तरलता

एसबीआई ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि आरबीआई जून नीति में विराम देगा। इसका मानना है कि लगातार वृद्धि के बाद रेपो रेट के 6.50 प्रतिशत पहुंचने के बाद अब एक लंबे विराम की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुख समायोजन की वापसी जारी रख सकता है, क्योंकि तरलता महत्वपूर्ण अधिशेष मोड में बदल गई है। अप्रैल में वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 2.1 लाख करोड़ रुपये के अधिशेष की तुलना में 1 जून को 2.4 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध एलएएफ अवशोषण के साथ तरलताअधिशेष बढ़ गया है। इसके अलावा आने वाले महीनों में 2,000 रुपये के नोटों को जमा करने के कारण तरलता में और वृद्धि होने की संभावना है।

अक्टूबर तक महंगाई दर 5 फीसदी के नीचे

एसबीआई का कहना है कि देश में अक्टूबर तक महंगाई दर आंकड़ों से लोगों को राहत मिलती रहेगी। यह निर्णायक रुप से 5 फीसदी की नीचे रहेंगे। वित्त वर्ष 24 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान जून नीति में डाउनग्रेड किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रोथ मजबूत बनी हुई ह। FY24 के लिए ग्रोथ अपग्रेड की संभावना काफी दिख रही है।

आखिरी बार फरवरी में बढ़ा था रेपो रेट

दरअसल, पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में भारी उछाल आया था। इस उछाल का असर भारतीय बाजारों में भी दिखाई दिया था, जिसकी वजह से घरेलू बाजार में महंगाई दर यानी मुद्रीस्फीति बढ़ गई थी। महंगाई दर को रोकने लिए केंद्रीय बैक ने मई 2022 लेकर फरवरी, 2023 तक रेपो रेट में कुल 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी थी, जिसके बाद यह बढ़कर 6.50 फीसदी पर आ गया था। हालांकि फरवरी के बाद से देश में आई मुद्रास्फीति कमी की वजह से केंद्रीय बैंक अप्रैल में MPC की बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया था। जिसके बाद यह रेपो रेट 6.50 फीसदी बना हुआ है।

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