Rent Agreement: हर किरायदार के लिए जरूरी है रेंट एग्रीमेंट, समझौता करते वक्त इन बातों का दें विशेष ध्यान

Rent Agreement Clauses: रेंट एग्रीमेंट यह सुनिश्चित करता है कि बाद में आपके और आपके मकान मालिक के बीच कोई समस्या होने पर आपके पास कानूनी सहारा हो, यही कारण है कि समझौते में शामिल खंडों के बारे में सावधान रहना महत्वपूर्ण है।

Update:2023-07-01 10:25 IST
Rent Agreement Clauses (सोशल मीडिया)

Rent Agreement Clauses: हम और आप में लोग पढ़ाई, काम, व्यवसाय या बेहतर जीवनशैली के लिए अपना गृहनगर छोड़कर अलग-अलग शहरों जाते हैं। इन शहरों में हमे सबसे अधिक अगर किसी चीज की जरूरत होती है तो वह रहने के लिए घर। तुरंत जाकर कोई व्यक्ति किसी दूसरे शहर में घर खरीद नहीं सकता है और कई लोग किराये का मकान या फिर किराए का फ्लैट देखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि किसी संपत्ति को किराये पर लेने के लिए कुछ प्रक्रिया का पालन करना होता है और वह एंटी एग्रीमेंट। ऐसे अगर आप कोई भी संपत्ति किराए पर ले रहे हैं तो नियम और शर्तों को जानना और किराया समझौता निष्पादित करना समझदारी है। यह समझौता मकान मालिक और किरायेदार के बीच होता है।

एग्रीमेंट करते वक्त किरायेदार इन बातों का रखें ध्यान

यह समझौता यह सुनिश्चित करता है कि बाद में आपके और आपके मकान मालिक के बीच कोई समस्या होने पर आपके पास कानूनी सहारा हो, यही कारण है कि समझौते में शामिल खंडों के बारे में सावधान रहना महत्वपूर्ण है। जानिए रेंट एग्रीमेंट करते वक्त किन बातों को ध्यान देना बेहद जरूरी होता है।

राशि, सुरक्षा जमा अन्य भुगतान

रेंट एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए कि आपको हर महीने कितना किराया देना होगा और वह नियत तारीख भी होनी चाहिए जिसके द्वारा भुगतान किया जाना है। ज्यादातर मामलों में, मकान मालिक सुरक्षा जमा राशि मांगते हैं जो आमतौर पर एक या दो महीने की किराया राशि के बराबर होती है। अनुबंध में सुरक्षा राशि का उल्लेख करें और यह कब वापस किया जाएगा। साथ ही, सुनिश्चित करें कि समझौते बिजली, पानी, पीएनजी, रखरखाव इत्यादि के लिए होने वाला भुगतान किसे करना है।

समझौते की अवधि

आमतौर पर किराया समझौते 11 महीने की अवधि के लिए निष्पादित किए जाते हैं। हालांकि आप लंबी अवधि के लिए भी समझौता कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि कार्यकाल स्पष्ट रूप से उल्लिखित है। इसके अलावा लॉक-इन अवधि के बारे में स्पष्ट करें इस दौरान न तो किरायेदार और न ही मकान मालिक समझौते को समाप्त कर सकता है। आमतौर पर जब किरायेदार को घर खाली करना होता है लॉक-इन अवधि समाप्त होने से पहले घर मकान मालिक द्वारा सुरक्षा जमा राशि जब्त कर ली जाती है। इसके अलावा किराये दार को एग्रीमेंट का नवीनीकरण पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर वह पहले एग्रीमेंट की समय सीमा समाप्त होने के बाद दोबारा उसी मकान या फ्लैट पर रह रहा है।

फिटिंग, फिक्स्चर की सूची

एग्रीमेंट में उस घर का विवरण भी होना चाहिए जिसे आप किराए पर ले रहे हैं, जैसे कि फर्श या अपार्टमेंट नंबर, घर का क्षेत्रफल, कमरों की संख्या, बाथरूम, रहने का क्षेत्र, रसोई आदि। यदि यह एक सुसज्जित घर है तो सुनिश्चित करें कि इसमें सभी फिक्स्चर और फिटिंग जैसे बिस्तर, सोफा, टेबल, कुर्सियां, अलमारी, पंखों की संख्या, एयर कंडीशनर, रोशनी इत्यादि की एक सूची हो।

प्रतिबंध

कई मकान मालिक किरायेदारों को पालतू जानवर रखने की अनुमति नहीं देते हैं। यदि आपके पास कोई पालतू जानवर है तो किराए पर घर तय करने से पहले इस मुद्दे पर चर्चा करें। कुछ लोगों को मांसाहारी किरायेदारों से भी दिक्कत होती है तो इन मुद्दों पर पहले बात कर लें।

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