कोरोना की चपेट में विदेशी बाजार, एक फीसदी तक लुढ़का घरेलू शेयर बाजार

चीन के बाद दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले सामने आने के बाद शेयर बाजार पर भी इसका असर दिख रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंता से जोखिम वाली संपत्तियों की मांग में कमी आई है और निवेशक यूनियन बजट 2020 से पहले शेयर बाजार से दूरी बना रहे हैं।

Update:2020-01-27 21:11 IST

मुंबई चीन के बाद दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले सामने आने के बाद शेयर बाजार पर भी इसका असर दिख रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंता से जोखिम वाली संपत्तियों की मांग में कमी आई है और निवेशक यूनियन बजट 2020 से पहले शेयर बाजार से दूरी बना रहे हैं। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 458.07 अंक (1.10%) गिरकर 41,155.12 और निफ्टी 129.25 (1.06%) फिसल 12,119.00 पर बंद हुआ।

जियोजित फाइनैंशल सर्विसेज के प्रमुख विनोद नायर ने कहा, कोरोना वायरस वैश्विक वित्तीय बाजार पर असर डाल रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ता आ गई है। भारत में निवेशक वैश्विक बाजार के बिकवाली दबाव में आ रहे हैं और अगले सप्ताह बजट से पहले भी सावधानी बरत रहे हैं।'

 

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अर्थव्यवस्था पर इसके असर को लेकर बढ़ती बेचैनी की वजह से लोग सुरक्षित संपत्तियों में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। लकेपी सिक्यॉरिटीज के रिसर्च हेड एस रंगनाथन ने कहा, 'चीन में फैले कोरोना वायरस ने भारतीय शेयरों पर असर डाला है, क्योंकि वित्तीय और धातुओं की बिकवाली का खामियाजा भुगतना पड़ता है। केवल चुनिंदा फार्मासूटिकल्स के शेयरों में तेजी आई और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स हरे निशान में रहा।'

चीन के साथ ही कुछ अन्य एशियाई देशों तथा यूरोप में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आने से विदेशी शेयर बाजारों पर दबाव रहा। जापान का निक्की 2.03 प्रतिशत टूट गया। यूरोप में जर्मनी का डैक्स शुरुआती कारोबार में 2.07 फीसदी की गिरावट में रहा। चीन, हांगकांग और दक्षिण कोरिया में स्थानीय नववर्ष के मौके पर बाजार बंद रहे।

घरेलू शेयर बाजार में स्वास्थ्य समूह को छोड़कर अन्य में गिरावट रही। स्वास्थ्य समूह का सूचकांक करीब डेढ़ फीसदी चढ़ा। धातु समूह में सवा तीन प्रतिशत, दूरसंचार में पौने दो प्रतिशत और बिजली समूह में करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट रही।

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील के शेयर सवा चार फीसदी, इंडसइंड बैंक के सवा तीन प्रतिशत और एचडीएफसी तथा भारतीय स्टेट बैंक के लगभग ढाई प्रतिशत टूट गये। महिंद्रा एंड महिंद्रा में करीब दो फीसदी और अल्ट्राटेक सीमेंट में एक फीसदी की तेजी रही

 

सुस्ती की वजह

*अधिकतर शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। जापान का निक्केई 2 फीसदी गिरा, जोकि पांच महीने में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। अमेरिका का एसऐंडपी मिनी फ्यूचर 1 पर्सेंट गिर गया। यूरोपीय बाजारों में भी नकारात्मक माहौल दिखा।

* सेंसेक्स की गिरावट में फाइनैंस सेक्टर का सबसे बड़ा हाथ रहा। एचडीएफसी के शेयर 2.51 पर्सेंट गिर गए, जबकि मोर्टेज लेंडर एचडीएफसी 2.25 फीसदी लुढ़का। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के शेयर 2.42 फीसदी नीचे आ गए।

 

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* बीएसई मेटल्स इंडेक्स सबसे बड़ा सेक्टोरल लूजर रहा। इसके सभी कंपोनेंट लाल निशान में थे और यह करीब 2.95 पर्सेंट नीचे रहा।

* रुपये में गिरावट का भी बाजार पर असर पड़ा। भारतीय रुपया 12 पैसे गिरा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 71.46 के स्तर पर था।

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