Upi: यूपीआई वॉलेट लेनदेन में अब देनी होगी फीस

Upi: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने प्रीपेड के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत तक के इंटरचेंज शुल्क की सिफारिश की है।

Update:2023-03-29 22:59 IST
upi Payment (Photo-Social Media)

Upi: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर वॉलेट के जरिये किए गए भुगतान पर यूजर्स को अब और ज्यादा चार्ज देना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने प्रीपेड के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत तक के इंटरचेंज शुल्क की सिफारिश की है।

वॉलेट से पेमेंट

ये शुल्क उन यूजर्स को प्रभावित करेगा जो वॉलेट के माध्यम से व्यापारियों को यूपीआई पर भुगतान करेंगे। ये बैंक और प्रीपेड वॉलेट के बीच व्यक्ति-से-व्यक्ति लेनदेन या व्यक्ति-से-व्यापारी लेनदेन पर लागू नहीं होंगे।जो लोग प्रीपेड वॉलेट में पैसा लोड करते हैं लेकिन बैंक खातों को यूपीआई से लिंक करना पसंद नहीं करते हैं, वे यूपीआई के साथ बैंक खातों को इंटीग्रेट किए बिना भुगतान के लिए वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं। दुकानें अब इन उपयोगकर्ताओं से यूपीआई भुगतान स्वीकार कर सकेंगी।

इंटरचेंज शुल्क

इंटरचेंज शुल्क एक ऐसा शुल्क है जो लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक से लिया जाता है। एनपीसीआई सर्कुलर में कहा गया है, "बैंक खाते और पीपीआई वॉलेट के बीच पी2पी (पीयर टू पीयर) और पी2एम (पीयर टू मर्चेंट) लेनदेन पर इंटरचेंज लागू नहीं होगा।" शुल्क लगाने का निर्णय 1 अप्रैल से लागू होगा और एनपीसीआई 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले शुल्क की समीक्षा करेगी।

वॉलेट लोडिंग शुल्क

फरवरी 2023 के वार्षिक अनुमान के अनुसार आधार पर 2 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक वॉलेट भुगतान हुए। इससे अनुमान है कि सभी वॉलेट जारीकर्ताओं में वॉलेट लोडिंग शुल्क 100 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है जो बैंकों को भुगतान किया जाएगा।

बढ़ती लोकप्रियता

ईज ऑफ डूइंग ट्रांजेक्शन के कारण देश में यूपीआई की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक, यूपीआई नेटवर्क के माध्यम से लेनदेन इस साल जनवरी में 1.3 प्रतिशत बढ़कर 13 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि महीने के दौरान लेनदेन की संख्या 2.6 प्रतिशत बढ़कर 803 करोड़ लेनदेन हो गई। 2022 में, यूपीआई ने 7,400 करोड़ से अधिक लेनदेन प्रोसेस किए, जिनकी कीमत 125.94 लाख करोड़ रुपये थी।

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