योगी सरकार का नया मास्टर प्लान, UP के इन शहरों में होने जा रहा ये बदलाव
सरकार के मास्टर प्लान में नए सिरे से शहरों के तमाम क्षेत्रों का भू उपयोग निर्धारित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए आवास सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। इसमें कई विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भविष्य की जरुरतों और बढ़ती आबादी को देखते हुए राजधानी लखनऊ सहित कई बड़े शहरों के मास्टर प्लान में परिवर्तन करने का फैसला किया है। पहली बार कई शहरों का नया मास्टर प्लान बनेगा, तो कई शहरों का संशोधित किया जाएगा। इस बार के मास्टर प्लान में तालाबों, जलाशयों, झीलों आदि को शामिल करने के साथ ही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फॉरेस्ट, पर्यावरण एवं वन और अन्य संरक्षित क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
कई बड़े शहरों के मास्टर प्लान में बदलाव होंगे
सरकार के मास्टर प्लान में नए सिरे से शहरों के तमाम क्षेत्रों का भू उपयोग निर्धारित होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए आवास सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। इसमें कई विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। सचिव आवास की अध्यक्षता में बनी इस समिति में प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को सदस्य संयोजक बनाया गया है। आवास बंधु के निदेशक सदस्य और सह संयोजक होंगे।
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कमेटी तीन महीने में सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट
लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुय अभियंता इन्दू शेखर सिंह, राजकीय आर्किटेक्चर कॉलेज के प्रधानाचार्य इसके सदस्य होंगे। कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज सहित अन्य बड़े शहर के मास्टर प्लान में बदलाव होंगे।
नया मास्टर प्लान जीआईएस आधारित होगा
आवास विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक शहरों में मौजूदा जरूरतों के हिसाब से भू उपयोग निर्धारित किया जाएगा। नदियों, हवाई अड्डा, बस स्टैंड, सैन्य क्षेत्रों सहित तमाम चीजों को मास्टर प्लान में प्रदर्शित किया जाएगा। नया मास्टर प्लान जीआईएस आधारित होगा। सचिव आवास की अध्यक्षता में बनी समिति मास्टर प्लान में जरूरत के हिसाब से नई चीजें जोडऩे के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी।
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क्षेत्रीय विकास की संरचना में हाईटेक टाउनशिप नीति
शासन ने नए मास्टर प्लान में क्षेत्रीय विकास की योजनाओं को भी शामिल करने का निर्देश दिया है ताकि संबंधित शहरों को आने वाले दिनों में किसी तरह की दिक्कत न हो। क्षेत्रीय विकास की संरचना में हाईटेक टाउनशिप नीति, इंटीग्रेटेड टाउनशिप, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, नई पर्यटन नीति, फिल्म नीत, औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, सूचना प्रौद्योगिकी नीति तथा आपदा प्रबंधन नीति आदि को भी परीक्षण कर शामिल किया जाएगा।
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सेना की फायरिंग रेंज को खतरनाक क्षेत्र के रूप में किया जायेगा घोषित
शहरों में सेना की फायरिंग रेंज को खतरनाक क्षेत्र के रूप में घोषित किया जाएगा। वर्तमान जरूरतों के हिसाब से नए औद्योगिक क्षेत्र, बस अड्डे, मास्टर प्लान रोड तथा वाटर वर्क्स व एसटीपी, कूड़ा निस्तारण केंद्र सहित अन्य तमाम चीजें भी चिह्न्ति होंगी। शहरों में जिन लोगों ने लैंड यूज के विरुद्ध निर्माण कराएं हैं, उनका समायोजन मास्टर प्लान में शासनादेश के मुताबिक ही हो पाएगा। मास्टर प्लान में नदी तटबंध के निर्माण की दशा में नदी किनारे को तटबंध के रूप में ही प्रस्तावित होंगे।
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