बीजापुर किडनैप जवान रिहा: इस महिला सोशल वर्कर की रही अहम भूमिका
बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षाबल के बीच हुई मुठभेड़ के बाद बंधक बनाए गए कोबरा जवान को रिहा कर दिया गया है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां बीजापुर में बीते शनिवार को नक्सलियों और सुरक्षाबल के जवानों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद बंधक बनाए गए कोबरा जवान को रिहा कर दिया गया है। नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह मनहास को आखिरकार अपने कब्जे से रिहा कर दिया है।
नक्सलियों ने बनाया था बंधक
आपको बता दें कि बीजापुर में हमले के बाद नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के जवानों के हथियार लूटने के साथ साथ कोबरा के जवान राकेश्वर सिंह मनहास को बंधक बना लिया था। अब नक्सलियों ने आज यानी गुरुवार शाम को उन्हें वापस भेज दिया है। बता दें कि इससे पहले नक्सलियों की कैद से राकेश्वर सिहं को छुड़ाने के लिए बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी गई थी, लेकिन उस वक्त नक्सलियों ने उन्हें लौटाने से मना कर दिया था।
हालांकि अब नक्सलियों ने लंबे समय के बाद जवान को गुरुवार शाम को वापस भेज दिया है। गौरतलब है कि नक्सली बीते मंगलवार को एक पत्र जारी कर सरकार की ओर से नामित मध्यस्त को ही जवान सौंपने की बात कह रहे थे। बता दें कि जवान की पत्नी ने भी सरकार ने उन्हें छुड़ाने की अपील की थी।
शनिवार को बीजापुर में हुई थी भीषण मुठभेड़
उल्लेखनीय है कि बीजापुर के तर्रेम थाना क्षेत्र में बीते तीन अप्रैल को बीजापुर में नक्सलियों और सुरक्षाबल के बीच बड़ी मुठभेड़ हो गई थी। जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 31 घायल हुए थे। इस हमले के बाद से ही सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह लापता थे। शक था कि नक्सलियों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया है। इस बात की पुष्टि तब हो गई जब नक्सली की ओर से पत्र जारी कर इस बात को स्वीकारा गया।
5 अप्रैल को एक प्रेस नोट जारी कर नक्सलियों ने कहा था कि उनके कब्जे में ही लापता सीआरपीएफ जवान हैं। इसके बाद उन्होंने बीते बुधवार को जवान की एक तस्वीर भी जारी की थी।