छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सुलह के आसार नहीं, बघेल व सिंहदेव के बीच तनातनी बरकरार, गहरा सकता है संकट

Chhattisgarh Congress Crisis : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ढाई-ढाई साल के फार्मूले की मांग उठाने वालों पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग करने वाले लोग राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update: 2021-08-26 06:30 GMT

Chhattisgarh Congress Crisis: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दो वरिष्ठ नेताओं के बीच टकराव से पैदा हुआ विवाद लगातार गहराता जा रहा है। कांग्रेस हाईकमान (Congress) की कोशिशों के बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव (Bhupesh Baghel vs Singh Deo) के बीच तनातनी खत्म नहीं हो सकी है। राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर बघेल और सिंहदेव के बीच पैदा हुए विवाद को दूर करने में पार्टी नेतृत्व नाकाम साबित हुआ है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में मुलाकात के बाद रायपुर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ढाई-ढाई साल के फार्मूले की मांग उठाने वालों पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस तरह की मांग करने वाले लोग राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी हाईकमान के आदेश पर राज्य का मुख्यमंत्री बना था । जब भी मुझे पद छोड़ने के लिए कहा जाएगा, मैं पद छोड़ दूंगा। विवाद सुलझाने के लिए बघेल और सिंहदेव ने बुधवार को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल से अलग-अलग मुलाकात की। दोनों नेताओं की इस अलग-अलग मुलाकात से साफ हो गया है कि अभी भी उनका विवाद नहीं सुलझ सका है।

नहीं दूर हुई सिंहदेव की नाराजगी

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पैदा हुए विवाद को सुलझाने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दोनों नेताओं के साथ लंबी बैठक की थी। इस बैठक के दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया भी मौजूद थे। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक के दौरान राहुल गांधी को दोनों नेताओं का विवाद सुलझाने में कामयाबी नहीं मिल सकी।


हालांकि बैठक के बाद पुनिया ने कहा कि राज्य के विकास की योजनाओं और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई । मगर जानकारों का कहना है कि बैठक का मुख्य एजेंडा राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग से जुड़ा हुआ था। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भी सिंहदेव की नाराजगी नहीं दूर हो चुकी। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में पार्टी का विवाद और गहराने के आसार हैं।

इस बात को लेकर पैदा हुआ विवाद

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस दिसंबर 2018 में चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सत्ता में आई थी। उस समय मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू भी शामिल थे। आखिरकार हाईकमान की हरी झंडी के बाद मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल की ताजपोशी हुई। गत 17 जून को मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल का ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा हुआ है।

भूपेश बघेल की ताजपोशी के समय से ही कांग्रेस में चर्चा है कि बघेल ढाई साल मुख्यमंत्री रहेंगे। ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस की ओर से कभी इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई मगर कांग्रेस हलकों में यह चर्चा उसी समय से ही तैर रही है। राज्य में सिंहदेव के समर्थक अब फौरन उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।

वेणुगोपाल से अलग-अलग मुलाक़ात

राज्य के दोनों नेताओं के साथ बैठक के बाद राहुल गांधी ने बघेल और सिंहदेव का विवाद समाप्त कराने के लिए पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इस सिलसिले में दोनों नेताओं ने वेणुगोपाल से बीते बुधवार को उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान सिंहदेव ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं।


हालांकि मुलाकात के बाद वेणुगोपाल की ओर से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के संबंध में कोई संकेत नहीं दिया गया है। वेणुगोपाल और सिंहदेव के बीच हुई चर्चा का खुलासा तो नहीं हो सका है मगर जानकार सूत्रों का कहना है कि सिंहदेव की नाराजगी अभी दूर नहीं हो सकी है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सिंहदेव ने वेणुगोपाल से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश किया है। हालांकि बैठक के बाद उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वेणुगोपाल से उनकी किन मुद्दों पर चर्चा हुई है।

फार्मूले की मांग करने वालों पर बरसे बघेल

दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ नई दिल्ली में मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर पहुंचे। रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान बघेल ने ढाई-ढाई साल के फार्मूले की मांग करने वालों पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में सरकार को अस्थिर बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें हाईकमान का समर्थन हासिल है।

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