कोविड मौतों से कोहराम, अंतिम संस्कार में आई समस्या, पूरा जिला लॉकडाउन
दुर्ग जिले में आलम यह है कि अब कोरोना से मरने वालों की लाशों को दफनाने या जलाने के लिए मुक्तिधाम कम पड़ रहे हैं।
दुर्ग: कोरोना की दूसरी लहर ने देश में संक्रमण के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। भारत के तमाम राज्यों समेत छहत्तीसगढ़ में भी इसका कहर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना से मरने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है। दुर्ग जिले में आलम यह है कि अब कोरोना से मरने वालों की लाशों को दफनाने या जलाने के लिए मुक्तिधाम कम पड़ रहे हैं।
अंतिम संस्कार को लेकर समस्या
छत्तीसगढ़ में दुर्ग व रायपुर की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। एक तरफ दुर्ग जिले में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो वहीं दूसरी ओर इस महामारी से मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। यहां तक कि जिले में अब शवों को जलाने या दफनाने के लिए मुक्तिधाम भी कम पड़ रहे हैं।
जिले में जिस तरह से रोजाना 1000 से अधिक करोना मरीज मिल रहे हैं। इससे ये साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन कोरोना के आगे लाचार और बेबस नजर आ रहा है। हालांकि प्रशासन व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा कर रहा है। बता दें कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में टोटल लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था।
रायपुर और दुर्ग के बाद अब राजनांदगांव में लॉकडाउन
कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए छत्तीसगढ़ में रायपुर और दुर्ग के बाद अब राजनांदगांव में भी 9 दिन का टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है। 10 अप्रैल की शाम से लेकर 19 अप्रैल तक लॉकडाउन का निर्णय लिया गया। वहीं, छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 10,310 नए केस मिले हैं। 53 लोगों की मौत हुई है।