बीजापुरः सैकड़ों जवानों का हत्यारा हिडमा माडवी, 40 लाख का है इनामी

बीजापुर मुठभेड़ में घायल हुए 23 जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि सात को रायपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

Update:2021-04-04 10:59 IST

रामकृष्ण वाजपेयी

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के साथ हुई सुरक्षा बलों की मुठभेड़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जिसमें पांच जवान शहीद हो गए और दस जवान घायल हैं और 21 जवान अब भी लापता हैं। मुठभेड़ में घायल हुए 23 जवानों को बीजापुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि सात को रायपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा बलों का दावा है कि 15 से अधिक नक्सलियों के इस एनकाउंटर में ढेर होने का अनुमान है। लेकिन असल सवाल यह है कि अचानक से ये मुठभेड़ कैसे हुए क्या यह घात लगाकर हमला था या नक्सलियों से सीधा टकराव। सूत्र बताते हैं कि करीब दस दिन से सुरक्षा बलों को सूचना मिल रही थी कि 40 लाख का इनामी भाकपा माओवादी का प्रमुख नक्सली माडवी हिडमा सक्रिय है। कौन है हिडमा और कितना खतरनाक है ये नक्सली।

कौन है हिडमा, 40 लाख का इनामी

बता दें कि 11 मार्च 2017 को सुकमा के भेज्जी में हुए हमले के पीछे भी हिडमा का ही हाथ बताया गया था। इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे। इससे पहले साल 2013 में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हुए हमले के पीछे भी हिडमा को ही जिम्मेदार माना गया था। इस हमले में कांग्रेस नेताओं सहित 30 लोगों की हत्या कर दी गई थी। जबकि 2010 में चिंतलनार के करीब ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवानों की शहादत के पीछे भी हिडमा का ही दिमाग माना गया था।
माओवादी मूवमेंट का आदिवासी चेहरा हिडमा

सुकमा और बीजापुर में अपनी सत्ता चलाने वाला इस खूंखार नक्सली का पूरा नाम माडवी हिडमा उर्फ इदमुल पोडियाम भीमा उर्फ हिदमालू उर्फ संतोष है। इसके पिता का नाम पोडियाम सोमा उर्फ दुग्गावड़े और मां का नाम पोडियाम भीमे बताया जाता है। जानकारी के मुताबिक हिडमा का जन्म पश्चिमी सुकमा के पुरवती गांव में हुआ था। माडवी बस्तर में माओवादी मूवमेंट का आदिवासी चेहरा है।

पुलिस ने हिडमा के सिर पर रखा 40 लाख इनामी

कहा जाता है कि दसवीं पास करने के बाद उसने पार्टी ज्वाइन कर ली और सैन्य अभियानों का मास्टर रणनीतिकार बन गया। वह गुरिल्ला हमलों में माहिर है। हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी बटालियन नंबर 1 का एरिया कमांडर है और भाकपा (माओवादी) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सक्रिय सदस्य है। वह सुकमा दांतेवाडा और बीजापुर एरिया में आपरेशन्स को अंजाम देता है। उसे सबसे कम उम्र के सदस्य के रूप में पार्टी की सेंट्रल कमेटी में लिया गया था। पुलिस ने उसके सिर पर 40 लाख का इनाम घोषित किया हुआ है।
हिडमा के तीन भाई 
हिडमा का अपना परिवार भी है, कहा जाता है कि उसने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी बडेशट्टी और दूसरी राजे उर्फ राजक्का है। हिडमा के तीन भाई हैं। दो भाई माडवी देवा और माडवी दुल्ला गांव में रहकर खेती करते हैं जबकि तीसरा भाई माडवी नंदा नक्सलियों को पढ़ाने का काम करता है। इसकी बहन भीमे दोरनापाल में रहती है। इसके अलावा हिडमा का चचेरा भाई दारा कोसा हिडमा भी कुख्यात नक्सली है वह कई आपरेशन्स को अंजाम दे चुका है।
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