वीडियोकॉन ग्रुप पर कार्रवाई: पांच शहरों में 3 दिन तक चली SFIO की जांच
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) ने वीडियोकॉन ग्रुप के पांच शहरों में तीन दिन तक छापामारी की...
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) ने वीडियोकॉन ग्रुप के पांच शहरों में तीन दिन तक छापामारी की है। इनमें दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, औरंगाबाद और अहमदनगर में फैले दफ्तरों में तीन दिन तक छापामारी की। यह छापामारी 13 जुलाई से 15 जुलाई के बीच की गई।
सरकार ने दिया था आदेश
दरअसल सरकार ने इस मामले में SFIO को आदेश दिया था कि वह ग्रुप पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के ऑब्जर्वेशन के आधार पर कार्रवाई करे। 8 जून को सरकार के इस आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है। NCLT ने इस मामले में वीडियोकॉन ग्रुप की 13 कंपनियों के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूर किया था। इन सभी पर 62 हजार करोड़ रुपए का बैंकों का लोन था और इस पर बैंकों ने 95.84% का हेयर कट किया था।
80 कार्यालयों पर छापामारी
सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) में दर्ज 80 कार्यालयों पर गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने छापामारी की। इसके बाद समूह पर यह कार्रवाई की गई। इस मामले में एनसीएलटी ने वीडियोकॉन समूह की 13 कंपनियों के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूर किया था। इन कंपनियों पर 62 हजार करोड़ रुपये का बैंकों का लोन था।
प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के घर पर भी छापामारी
इतना ही नहीं, वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के घर पर भी छापामारी की गई है। साथ ही एजेंसी ने रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को भी सर्च किया है। मामले में एसएपआईओ ने डिजिटल डाटा, खाता बुक और कंपनीज के सर्वर को जब्त भी किया है। रिजोल्यूशन प्रोफेशनल को को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज और 12 अन्य कंपनियों के की दिवाला प्रक्रिया के लिए नियुक्त किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग के मामले में वीडियोकॉन समूह के खिलाफ जांच कर रहा है। यह मामला सीबीआई के उस केस पर आधारित है, जो पिछले साल धूत के खिलाफ दर्ज किया गया था। ग्रुप पर भारतीय स्टेट बैंक के कंसोर्टियम वाले बैंकों के लोन को डुबाने का आरोप है।
71,433 करोड़ रुपए का है दावा
इस साल जून में NCLT ने अपने आदेश में कहा था कि कुल 71,433 करोड़ रुपए के दावों में से 64,838 करोड़ रुपए के दावों को स्वीकार किया गया था। इसमें से केवल 2,962 करोड़ रुपए की रकम को ही मंजूरी दी गई थी। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज 26 बड़ी दिवालिया कंपनियों में से एक है। रिजर्व बैंक ने इन सभी दिवालिया कंपनियों की लिस्ट NCLT को दी थी। इस हफ्ते की शुरुआत में NCLT अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कहा था कि NCLT द्वारा मंजूर रिजोल्यूशन प्लान को RP द्वारा मैनेज किया जाएगा। यह तब तक होगा जब तक कि मामले की सुनवाई ट्रिब्यूनल नहीं करेगा। ट्रिब्यूनल 7 सितंबर को इसकी सुनवाई करने वाला है।