Afghanistan ki mahilayen: अफगानिस्तान में बदल गए महिलाओं के हालात, अब इन पाबंदियों के साये तले करनी होगी पढ़ाई
अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद यहां के हालात काफी बदल गए हैं। अफगानिस्तानी अपने ही देश में अपरचित से हो गए हैं।
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद यहां हालात काफी बदल गए हैं। अफगानिस्तानी अपने ही देश में अपरिचित से हो गए हैं। उन्हें क्या करना है, कैसे रहना है, यह सब तालिबान के इशारे पर करना पड़ रहा है। तालिबान के आने से सबसे ज्यादा दिक्कत यहां की महिलाओं को हुई है। उनकी आजादी पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया है। वहीं रविवार को नई तालिबान सरकार ने यहां की महिलाओं को पढ़ाई के लिए कुछ शर्तों के साथ छूट दे दी है। इससे अब यहां की महिलाएं पढ़ाई कर सकेंगी।
तालिबानी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा है कि महिलाएं लैंगिक आधार पर स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर सकती हैं और इसके लिए उन्हें इस्लामिक पोशाक पहनना अनिवार्य होगा। उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने पत्रकारों के समक्ष शिक्षा की नई नीतियां पेश कीं। बता दें कि इससे पहले अफगानिस्तान के नए शासकों ने तालिबान सरकार का गठन किया, लेकिन इसमें एक भी महिला को शामिल नहीं किया। महिलाओं के प्रति तालिबान का रवैया शुरू से कट्टर रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार भी तालिबान का पुराना अश्क देखने को मिलेगा। इस समय पूरी दुनिया की निगाह तालिबान पर टिकी हुई है।
इससे पहले भी जब यहां तालिबान राज आया था तो महिलाओं को शिक्षा से वंचित कर दिया गया था। वहीं इसबार भी बीते दिनों तालिबान प्रवक्ता ने सरकार में महिला चेहरों को शामिल न किए जाने पर कहा था कि मंत्री पद का बोझ काफी भारी होता है, जिसे वह नहीं उठा सकतीं। उनका काम है बच्चे पैदा करना। हालांकि तालिबान ने शुरुआत में भरोसा दिलाया था कि महिलाओं और बच्चों के अधिकार बहाल रहेंगे। फिलहाल महिलाओं को शिक्षा का अधिकार देकर तालिबान ने बड़ी राहत दी है। लेकिन इसके लिए उसने कुछ शर्तों को रखा है। इन शर्तों में महिलाओं का ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है, महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य किया गया है।