प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने दिया सबसे ज्यादा पॉलिटिकल डोनेशन

भारत में राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में भारती एंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises) द्वारा समर्थित राजनीतिक फंडिंग ट्रस्ट (Political Funding Trust) टॉप पर है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update:2022-04-04 16:22 IST

भारती एंटरप्राइज (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Airtel Bharti Enterprises: नई दिल्ली। भारत में राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट राजनीतिक फंडिंग में टॉप पर है। ये ट्रस्ट भारती एंटरप्राइजेज से जुड़ा हुआ है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में कॉर्पोरेट/व्यावसायिक घरानों द्वारा पांच राष्ट्रीय दलों को कुल 921.95 करोड़ रुपये का दान दिया गया था। यह ज्ञात स्रोतों से पार्टियों को दिए गए कुल चंदे का 91 प्रतिशत है। 2004-12 से पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे में 143 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

ज्ञात स्रोत वे हैं जो एक वित्तीय वर्ष में एक राजनीतिक दल को 20,000 रुपये से अधिक का दान देते हैं। ऐसे दाताओं को दान करते समय अपना नाम, पता और पैन नंबर जमा करना होता है, और बदले में पार्टियों को भारत के चुनाव आयोग को इसका खुलासा करना होता है। जिन शीर्ष राष्ट्रीय दलों का विश्लेषण किया गया वे थे - भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस । भाकपा ने वर्ष में किसी भी कॉर्पोरेट चंदे की सूचना नहीं दी।

भारत में राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में भारती एंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises) द्वारा समर्थित राजनीतिक फंडिंग ट्रस्ट (Political Funding Trust) टॉप पर है। जिसने 2019-20 में 247.75 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में कॉर्पोरेट/व्यावसायिक घरानों द्वारा पांच राष्ट्रीय दलों को कुल 921.95 करोड़ रुपये का दान दिया गया था। यह ज्ञात स्रोतों से पार्टियों को दिए गए कुल चंदे का 91 प्रतिशत है। 2004-12 से पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे में 143 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

ज्ञात स्रोत वे हैं जो एक वित्तीय वर्ष में एक राजनीतिक दल को 20,000 रुपये से अधिक का दान देते हैं। ऐसे दाताओं को दान करते समय अपना नाम, पता और पैन नंबर जमा करना होता है, और बदले में पार्टियों को भारत के चुनाव आयोग (Election Commision) को इसका खुलासा करना होता है। जिन शीर्ष राष्ट्रीय दलों का विश्लेषण किया गया वे थे - भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC)। भाकपा ने वर्ष में किसी भी कॉर्पोरेट चंदे की सूचना नहीं दी।

भाजपा और कांग्रेस का शीर्ष दानदाता रहा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट

द वीक की एक खबर के अनुसार, 2016-17 और 2017-18 में भारती एंटरप्राइजेज समर्थित प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (जिसे पहले सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट के नाम से जाना जाता था) भाजपा और कांग्रेस का शीर्ष दानदाता था। इसने दोनों दलों को 429.42 करोड़ रुपये की राशि दी। बाद के वित्तीय वर्ष में टाटा द्वारा समर्थित प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट आगे आ गया।

2019-20 में सबसे बड़े दानदाता प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट, आईटीसी लिमिटेड, जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट, बीजी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और पंचशील कॉरपोरेट पार्क प्राइवेट लिमिटेड थे। भाजपा को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 216.75 करोड़ रुपये मिले जबकि कांग्रेस को इससे 31 करोड़ रुपये मिले। सीपीएम को मुथूट फाइनेंस लिमिटेड (2.65 करोड़ रुपये), कल्याण ज्वैलर्स (1.12 करोड़ रुपये) और नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी (0.5 करोड़ रुपये) से चंदा मिला। तृणमूल के शीर्ष दाताओं में न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट, टेक्समाको इंफ्रास्ट्रक्चर होल्डिंग लिमिटेड और टेक्समाको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड शामिल थे। एनसीपी के लिए, शीर्ष दानकर्ता बीजी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, पंचशील कॉरपोरेट पार्क प्राइवेट लिमिटेड और मॉडर्न रोड मेकर्स प्राइवेट लिमिटेड थे। कॉर्पोरेट चंदे का कुल आकार भाजपा के लिए 720.407 करोड़ रुपये, कांग्रेस के लिए 133.04 करोड़ रुपये और राकांपा के लिए 57.086 करोड़ रुपये था।

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