अमेरिकी कंपनी ने पुणे की कंपनी पर चोरी से वैक्सीन बनाने का लगाया आरोप, संघीय अदालत में करोड़ों का केस दर्ज

अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एचडीटी बायो कॉर्प ने पुणे की एमक्योर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-03-23 07:21 GMT

वैक्सीन की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: सोशल मीडिया)

Mumbai: अमेरिकी बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एचडीटी बायो कॉर्प ने पुणे की एमक्योर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। एचडीटी बायो कॉर्प ने 950 मिलियन डॉलर का मुकदमा वाशिंगटन की संघीय अदालत में दायर किया है। इसमें भारत की कंपनी पर एक नए कोविड वैक्सीन के लिए व्यापार रहस्य "चोरी" करने का आरोप लगाया है।

इस बारे में एचडीटी बायो ने कहा कि पुणे की फर्म ने उसकी नई वैक्सीन तकनीक चुरा ली थी, जिसे उसने भारत में निर्माण और वितरण के लिए एमक्योर की सहायक जेनोवा को लाइसेंस दिया था।

आगे अमेरिकी कंपनी ने कहा कि उसका अभिनव टीका लक्षित कोशिकाओं को प्रतिरक्षा-उत्तेजक आरएनए अंशों को वितरित करने के लिए एक मालिकाना वितरण मंच, लिपिड इनऑर्गेनिक नैनोपार्टिकल (लियोन) फॉर्मूलेशन का उपयोग करता है।

ये भी बताया जा रहा है कि एचडीटी बायो ने जुलाई 2020 में जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स के साथ एक संभावित कोविड वैक्सीन को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए मैसेंजर या एमआरएनए तकनीक का उपयोग करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

जिस संपर्क करने पर एमक्योर के प्रवक्ता जानकारी देते हुए बताया कि "लाइसेंस समझौता, जो सूट का विषय है, जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स और एचडीटी के बीच है। एमक्योर फार्मा का इस मामले से कोई संबंध नहीं है। ऐसे में एमक्योर (Emcure) को कानूनी तौर पर सलाह दी गई है कि इसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है और इसे गलत तरीके से एक पार्टी के रूप में शामिल किया गया है। कंपनी दावों को खारिज करने के लिए कदम उठा रही है।"

आगे जेनोवा के प्रवक्ता ने कहा: "हम कहते हैं कि मुकदमे में कोई कानूनी योग्यता नहीं है। हम दावा करते हैं कि किसी भी संविदात्मक दायित्वों या कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का कोई उल्लंघन नहीं है। हम इस तरह के तुच्छ मुकदमे का सख्ती से बचाव करेंगे।"


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