अमित शाह के हाथों में सहकारिता मंत्रालय की कमान, ताजपोशी से कांग्रेस हुई सतर्क, जताई बड़े खेल की आशंका

नए सहकारिता मंत्रालय की कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में दे दी गई है। जिससे कांग्रेस सतर्क हो गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2021-07-10 14:45 IST

अमित शाह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Ministry Of Cooperation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हाल में अपने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Modi Cabinet Expansion) में बड़ा सियासी कदम उठाया है। उन्होंने नए सहकारिता मंत्रालय (Ministry Of Cooperation) का गठन किया है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मंत्रालय की कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को सौंपी गई है। इस नए मंत्रालय में शाह की ताजपोशी से कांग्रेस (Congress) सतर्क हो गई है क्योंकि उसे इसमें बड़ी सियासत नजर आ रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला (Ramesh Chennithala) ने इस बाबत पार्टी हाईकमान को पत्र लिखकर भाजपा और संघ की छिपी सियासत से सतर्क किया है। उनका कहना है कि नए मंत्रालय में शाह को बिठाकर भाजपा केरल (Kerala), कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों की सहकारी संस्थाओं में भाजपा का प्रभाव बढ़ाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने इस मामले में सतर्कता बरतने और संसद व विधानसभाओं में आवाज उठाने की सलाह दी है।

विपक्षी दलों से चर्चा करेगी कांग्रेस

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान चेन्निथला के पत्र पर गौर कर रहा है क्योंकि उनकी चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सबसे करीबी और भरोसेमंद साथी अमित शाह को मंत्रालय में बिठाकर जरूर कोई बड़ा खेल करने की तैयारी की है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता की ओर से इस बात को लेकर चिंता जताए जाने के बाद नए मंत्रालय के गठन से जुड़े राजनीतिक पहलुओं का गहराई से अध्ययन किया जा रहा है। यह काम पूरा हो जाने पर कांग्रेस इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अन्य विपक्षी दलों से भी बातचीत करेगी। चेन्निथला ने अपने पत्र में केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से जल्द ही चर्चा करना चाहती है ताकि मानसून सत्र के दौरान संसद में नए मंत्रालय के सियासी मकसद को उजागर किया जा सके।

सहकारी संस्थाओं पर कब्जे की सोच

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चेन्निथला का कहना है कि कई प्रदेशों में सहकारी संस्थाएं वित्तीय दृष्टिकोण से काफी मजबूत हैं और अब भाजपा इन संस्थाओं पर कब्जा जमाने की साजिश रच रही है। उन्होंने केरल और महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां सहकारी संस्थाओं का काफी बड़ा नेटवर्क है। महाराष्ट्र में सरकारी संस्थाओं पर एनसीपी ने मजबूत पकड़ बना रखी है जबकि केरल में सरकारी संस्थाओं पर कांग्रेस और माकपा की मजबूत पकड़ है।

भाजपा चाह कर भी सहकारी संस्थाओं में अभी तक अपनी पैठ बनाने में नाकाम रही है और इसी कारण काफी सोच समझकर नए मंत्रालय का गठन किया गया है। चेन्निथला का कहना है कि पार्टी हाईकमान को तत्काल इस नए मंत्रालय के गठन के पीछे छिपी सियासत को उजागर करना चाहिए। अगर पार्टी ने इसे लेकर हमला नहीं किया तो भाजपा अपनी साजिश में कामयाब हो जाएगी।

रमेश चेन्निथला (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

संसद में मामला उठाने पर जोर

चेन्निथला का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के भगवा एजेंडे को पूरा करने के लिए नए सहकारिता मंत्रालय की कमान अपने सबसे करीबी और सियासी मामलों के माहिर खिलाड़ी अमित शाह को सौंपी है। उन्होंने कहा कि केरल और महाराष्ट्र सहित अन्य सभी राज्यों में अभी तक सहकारी संस्थाओं का स्वरूप धर्मनिरपेक्ष रहा है मगर अब इस छवि के साथ भी छेड़छाड़ की जाएगी। धर्मनिरपेक्ष स्वरूप होने के कारण ही अभी तक भाजपा को इन संस्थाओं में पैठ बनाने में कामयाबी नहीं मिल सकी है।

पीएम मोदी ने भगवा एजेंडे के तहत इन संस्थाओं में दखल बनाने की पृष्ठभूमि तैयार की है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को पूरी मजबूती के साथ भाजपा की साजिश से संघर्ष करना होगा। संसद के साथ ही विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में भी इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया जाना चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो भाजपा अपने एजेंडे को पूरा करने में कामयाब हो जाएगी।

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