Assembly Election 2022: पांच राज्यों का चुनाव, आइये जाने कहते हैं ग्रह-नक्षत्र और सितारे

Assembly Election 2022: भाजपा के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसा व्यक्तित्व है जिनके सितारों पर ही पार्टी की हार जीत निश्चित होती है यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। नरेंद्र मोदी की कुंडली में चन्द्रमा और मंगल की लग्न में युति ने उन्हें सामान्य कुल में जन्म लेने के बावजूद भी राजपद दिलाने में महत्वपूर्ण रहा।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-01-20 18:29 IST

ज्योतिष व वास्तुविद, देवेंद्र भट्ट (गुरु जी): Photo - Social Media

Assembly Election 2022: 8 जनवरी 2022 सायं 5 बजे, देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (chief election commissioner) ने प्रस्तावित राज्य की विधान सभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए, अधिसूचना जारी कर दी। माह फरवरी मार्च में 5 राज्यों– गोवा, उत्तराखंड एवम पंजाब, (Goa Uttaranchal Punjab) का मतदान 14 फरवरी होंगे। मणिपुर (Manipur) में मतदान 27 फरवरी और 3 मार्च को होंगे। उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में मतदान सात चरण में – 10, 14, 20, 23, 27 फरवरी , 3 और 7 मार्च – होंगे। मतगणना का का कार्य 10 मार्च को होगा। यह वो समय होगा जब शनि, मकर राशि से कुंभ राशि में संक्रमण के दौर में होगा। इसके साथ ही 15 जनवरी से 15 फरवरी तक सूर्य और शनि दोनो साथ साथ शनि के घर में होंगे।

403 सदस्यों वाली उत्तरप्रदेश की विधान सभा में भाजपा (BJP) को पिछले चुनाव में बहुमत से भी कही अधिक सीटें मिली जिसके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे है। उन्होंने 19 मार्च 2017 को पद की शपथ ली थी। ध्यातव्य है की भाजपा के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसा व्यक्तित्व है जिनके सितारों पर ही पार्टी की हार जीत निश्चित होती है यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। नरेंद्र मोदी की कुंडली में चन्द्रमा और मंगल की लग्न में युति ने उन्हें सामान्य कुल में जन्म लेने के बावजूद भी राजपद दिलाने में महत्वपूर्ण रहा।

मंगल की महादशा

पिछले दस वर्षो से भाग्येश चंद्रमा की महादशा, जो अक्टूबर 2021 में पूर्ण हुई, ने अपनी पार्टी के सभी अंतर्विरोधों के साथ ही, पार्टी के बाहर, उन्हे अजेय बनाए रखा। परंतु वर्तमान में मंगल की महादशा प्रारंभ है। मंगल, तन भाव का स्वामी होने के साथ ही रोग और शत्रु का भी स्वामी है। अतः वर्तमान की खगोलीय दशायें, पिछले के मुकाबले अनुकूल नहीं है। सात्विक आचरण का पापग्रह मंगल, सकाम भावना से किए गए कार्य का फल नही देता है। इसके लिए निष्काम कर्म का फल ही सफल होता है। 20 जनवरी से 12 मार्च तक क्रमशः शनि, बुद्ध और केतु के प्रभाव से मानसिक तनाव, अनुमान के प्रतिकूल परिणाम , शारीरिक अस्वस्थता रहेगी।


उ.प्र. के लिए दूसरे महत्वपूर्ण व्यक्ति योगी आदित्यनाथ है। उनकी कुंडली में त्रिकोण में स्थित गुरु और मंगल का परस्पर राशि परिवर्तन राज्योगकारी रहा है। वर्तमान में गुरु की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा है। जो उनकी व्यक्तिगत छवि और प्रतिष्ठा के लिए अनुकूल है। बावजूद इसके मुख्य मंत्री पद तो समग्र पार्टी की सीटों की संख्या पर निर्भर करती है। अब बीजेपी पार्टी की स्थापना से देखे तो सूर्य में राहु के प्रभाव के कारण वर्तमान उत्तरप्रदेश चुनाव में 50 प्रतिशत सीटों का नुकसान दिख रहा है।

ग्रहों का संयोग प्रियंका गांधी के नेतृत्व को सफल बनाएगी

कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की उ.प्र. चुनाव का संचालन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) कर रही है। वृश्चिक राशि एवम मिथुन लाग्न की उनकी कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही है। अंतर्दशा में लग्नेश बुद्ध है और 23 जनवरी से प्रत्यंतर में राहु होगा। यह ग्रहों का संयोग प्रियंका गांधी के नेतृत्व को सफल बनाएगी। पिछले चुनाव परिणाम के मुकाबले कांग्रेस पार्टी को दुगने से कुछ अधिक सीटें प्राप्त होंगी। इसके साथ ही सरकार बनाने में भी इसकी भूमिका दिख रही है।


बसपा को इस चुनाव में होगा नुकसान

बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की स्थापना 14 अप्रैल 1984 को हुई। कन्या राशि और मिथुन लग्न वाली इस पार्टी की गुरु की महा दशा चल रही है। सप्तम स्थान पर धनु का गुरु, मिथुन लग्न के लिए प्रतिकूल प्रभाव वाला होता है। बसपा को पिछले चुनाव परिणाम की तुलना में 25 फीसदी सीटों का नुकसान के साथ कुल मतों का भी नुकसान होगा। इस पार्टी के दिग्गज नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे पार्टी की छवि को गहरा आघात लगेगा।

समाजवादी पार्टी के लिए फल प्रदान करने वाला समय

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की स्थापना 4 अक्टूबर 1992 की हुई। सायं 3 बजे के लिहाज से धनु राशि व मकर लग्न की कुंडली है। वर्तमान में राहु की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है। चूंकि लग्न चक्र में शनि स्वगृही होकर लग्न(केंद्र) में विराजमान है तथा गोचरीय स्थिति में भी शनि मकर राशि का है और शनि के साढ़े साती उतर रही है यह दशा पार्टी के लिए बेहद लाभ का फल प्रदान करने वाला होगा। पिछले विधानसभा के परिणाम की तुलना में इस चुनाव में तीन गुने से अधिक सीटें प्राप्त होंगी।


अस्तु ज्योत्षीय लिहाज से उत्तरप्रदेश की सक्रिय पार्टियों और दिग्गज नेताओं की सितारों का विश्लेषण यह है कि पिछली विधान सभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी 50 फीसदी कम सीट मिलेंगी। वही कांग्रेस को पिछले के मुकाबले दुगनी से कुछ अधिक सीटें मिलेंगी। समाजवादी पार्टी को तीन गुने से अधिक सीटें मिलेंगी। बसपा को 25 फीसदी सीटों का नुकसान होगा। शेष क्षेत्रीय दल के सीटों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नही दिख रहा है। अतः यह विधान सभा में किसी दल को पूर्ण बहुमत मिलने की ग्रहीय स्थिति नही दिख रही।

गोवा, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर–

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40 सदस्यीय विधानसभा गोवा में वर्तमान विधानसभा में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सावंत ने 19 मार्च 2019 को शपथ लिया। इस लिहाज से सिंह राशि और कर्क लग्न की कुंडली बनती है। इसमें में में राशि का स्वगृही मंगल दशम स्थान पर है। अतः यहां के प्रस्तावित चुनाव में , भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। प्रमोद सावंत पुनः राज्य के मुख्य मंत्री पद की शपथ लेंगे।

70 सदस्यीय विधान सभा उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और पुष्कर सिंह धामी पिछले पांच वर्षो में तीसरे मुख्यमंत्री है। उन्होंने 4 जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मेष राशि और वृश्चिक लग्न के हिसाब से , शुक्र–मंगल की युति नवम स्थान में है। वर्तमान में शुक्र की महा दशा में मंगल की अंतर्दशा भी चल रही है। अतः उत्तराखंड में भी भाजपा पुनः सरकार बनाएगी। पुष्कर सिंह धामी, बतौर मुख्यमंत्री , पद की शपथ लेंगे।


पंजाब में कांग्रेस पार्टी की सत्ता में वापसी होगी

पंजाब 117 सदस्यीय विधान सभा में पिछली चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था । यहां चरण जीत सिंह चन्नी ने राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री है के रूप में 20 सितंबर 2021 को शपथ लिया। इस लिहाज से कुंभ राशि और धनु लग्न की कुंडली बनती है जिसके कर्म स्थान पर सूर्य, मंगल और बुध की युति है। वर्तमान में लग्नेश गुरु की महादशा के प्रभाव वश पंजाब में कांग्रेस पार्टी की सत्ता में वापसी होगी तथा चरणजीत सिंह चन्नी पुनः मुख्य मंत्री होंगे।

मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा के पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस रही बावजूद इसके वहा भाजपा ने गठबंधन की सरकार बनाई और सफल संचालन किया। एन. बिरेन सिंह ने 15 मार्च 2017 को मुख्य मंत्री पद की शपथ ली। इस तरह तुला राशि और कर्क लग्न की कुंडली बनती है। मेष के मंगल का कर्म स्थान पर होने के कारण स्पष्ट बहुमत न होते हुए भी पांच वर्ष सफल संचालन किया। प्रस्तावित चुनाव में राहु में गुरु का प्रभाव है अतः बीजेपी की सरकार नही बनती दिख रही है। यहां की गोचरिय दशा कांग्रेस की सरकार बनने का फलादेश दे रहे है।

ज्योतिष में सबसे कठिन विषय राजनैतिक भविष्यवाणियां

वास्तव में ज्योतिष में सबसे कठिन विषय राजनैतिक भविष्यवाणियां होती है। कारण की प्रतिद्वंदियों की संख्या इतनी होती है कि प्रत्येक की कुंडली में ग्रह बालो का सटीक आकलन करना और प्रदेश के भौगोलिक संरचना और प्रत्येक पार्टियों की स्थापना के समय से उसकी गोचरी स्थितियों की विवेचना करना तथा संतुलन बैठाना, बेहद कठिन कार्य है। प्रस्तुत विवेचना में मेरे द्वारा कोशिश से गई है कि ASTROLOGY को SCIENTIFIC आधार पर रख सकू। एक स्वस्थ राजनीति के माध्यम से सफल लोकतंत्र की कामना के साथ आप शुभ चिंतकों सादर अभिवादन।

ज्योतिष व वास्तुविद, देवेंद्र भट्ट (गुरु जी)

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