Assembly Election 2022: निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला, एग्जिट पोल के प्रकाशन पर रोक

Assembly Election 2022: आयोग ने किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (print or electronic media) द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-01-29 13:44 GMT

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल: Photo - Social Media

Lucknow: राजनीतिक दलों (Political parties) की तरफ से एग्जिट पोल (exit polls) पर रोक की मांग को देखते हुए निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने आज एक बड़ा फैसला लिया है। आयोग ने किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (print or electronic media) द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी है।  

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल (Chief Electoral Officer Ajay Kumar Shukla) ने बताया कि केंद्रीय  निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के तहत  प्रदेश में  10 फरवरी (गुरुवार) को पूर्वाह्न सात बजे से 7 मार्च को अपराह्न 6: 30 बजे तक के बीच की अवधि के दौरान साधारण निर्वाचन के सम्बंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार-प्रसार करना प्रतिबंधित होगा।

किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल के आयोजन पर रोक

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (संक्षेप में आरपी अधिनियम, 1951) की धारा 126 क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का, ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई व्यक्ति, जो इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, उसे दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माने से या दोनों से, दंडित किया जा सकेगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त, यह भी निर्देश दिये गये हैं कि साधारण निर्वाचनों के संबद्ध मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध होगा।

ओपिनियन पोल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है

उल्लेखनीय है कि सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि ये ओपिनियन पोल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। इससे वोटर्स भ्रमित हो रहे हैं।  सपा प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से कहा है कि न्यूज चैनलों  द्वारा ओपिनियन पोल  दिखाना चुनाव आचार संहिता का खिला उल्लंघन है । 

प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने आयोग से मांग कर कहा था  कि यूपी में 21 जनवरी को पहले चरण की वोटिंग के लिए नामांकन प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।  लेकिन  न्यूज चैनलों  पर लगातार ओपिनियन पोल   दिखाए जा रहे हैं, इससे वोटर्स भ्रमित हो रहे हैं।   इसलिए ऐसे ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की जरूरत   है   क्योंकि  इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

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