Black Fungus: वापस आया ब्लैक फंगस, अब ओमिक्रॉन वैरियंट में बढ़े म्यूकोर्मिकोसिस के मामले

Black Fungus: अब ओमिक्रॉन वेरियंट की वजह से कोरोना की तीसरी लहर में ब्लैक फंगस के मामले सामने लगे हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-25 08:49 IST

ब्लैक फंगस (फोटो-सोशल मीडिया)

Black Fungus: बीते साल कोरोना की दूसरी लहर का खतरा कुछ कम होने पर ब्लैक फंगस ने दस्तक दी थी। जिससे लोगों में नए खतरे का खौफ पैदा गया था। कोरोना के संक्रमण से निजात पाने के बाद कई लोग ब्लैक फंगस यानी म्यूकोर्मिकोसिस का शिकार हो गए थे। इस फंगस की वजह से कई लोगों की आंखों और शरीर के कई अंगों को बहुत नुकसान पहुंचा था। जोकि कई लोगों की मौत की वजह भी बना। वहीं अब ओमिक्रॉन वेरियंट की वजह से कोरोना की तीसरी लहर में ब्लैक फंगस के मामले सामने लगे हैं।

असल में ब्लैक फंगस एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो किसी भी तरह के वायरस के नहीं, न ही बैक्टीरिया से फैलती है बल्कि एक खास तरह के फंगस की वजह से होती है। इस फंगस का संक्रमण बहुत ही खतरनाक होता है।

फंगस का सबसे ज्यादा खतरा

इस फंगस की वजह से आंखों में जलन, चेहरे के पास, वाक के पास या आंखों के पास त्वचा काला होना शुरू हो जाता है। जोर-जोर से सिर दर्द होता है। फंगस से चेहरे पर किसी एक तरफ या फिर दोनों तरफ सूजन आने लगती है।

ऐसे में ब्लैक फंगस की वजह से मरीजों के अंधा होने, अंगों में खराबी धीरे-धीरे और अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो मौत होने की आशंका बनी रहती है। इसमें हाई ब्लड शुगर लेवल वाले और लंबे समय तक स्टेरॉयड पर रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को ज्यादा इस फंगस से खतरा रहता है। साथ ही कमजोर इम्युनिटी वाले मरीज या फिर जिसका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है, वे लोग जल्दी इसका शिकार होते हैं।

इस फंगस के बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि ब्लैक फंगस का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों में रहता है जो लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहते हैं। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। सामान्य रोगियों की बात करें तो स्टेरॉयड के लगातार इस्तेमाल की वजह से ब्लैक फंगस का खतरा भी तेजी से बढ़ जाता है। लेकिन अभी ओमिक्रॉन में इसका खतरा कुछ कम है। 

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