Union Budget 2022: करों के स्लैब में बदलाव और कई राहतों का एलान कर सकती है सरकार

बजट 2022 में टैक्स स्लैब में बदलाव समेत प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के दामों को लेकर भी सरकार कर सकती है अहम घोषणाएं।

Newstrack :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-01-28 15:50 IST

Union Budget

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को 2022-23 के लिए केंद्र सरकार का वार्षिक बजट पेश करेंगी। कोरोना महामारी की दस्तक के बाद सही देश में आर्थिक स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। पेट्रोल डीजल समेत खाने-पीने की सभी सामानों की कीमतों में बीते 1 साल में खासा बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में आगामी बजट में टैक्स स्लैब में छूट और ईंधन के दामों में कटौती को लेकर लोग उम्मीद लगा रहे हैं।

2019 में सरकार बनने के बाद या मोदी कार्यकाल का चौथा बजट है इस बजट से सभी वर्गों के लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बजट में लोगों को उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब में भी बड़ा बदलाव करेगी। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि सरकार को टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए मौजूदा टैक्स सीमा 2.5 लाख रुपए को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देना चाहिए।

मौजूदा टैक्स स्लैब के नियम

मौजूदा टैक्स स्लैब के नियमों को देखें तो इसमें ढाई लाख रुपए तक के आमदनी को टैक्स मुक्त रखा गया है जबकि 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपये तक के आमदनी पर 5 फीसदी टैक्स भरना पड़ता है। वहीं जिनका आय पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपए तक है उन्हें 20 फ़ीसदी तक कर का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा जिसका आए 10 लाख रुपए से अधिक होता है उसे 30 फ़ीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।

प्राकृतिक गैस आ सकते हैं जीएसटी के दायरे में

वित्तीय बजट 2022 में उम्मीद है कि सरकार प्राकृतिक गैसों को भी जीएसटी (GST) के दायरे में ला सकती है। क्योंकि सार्वजनिक गैस क्षेत्र के कंपनियों का अगुवाई करने वाले संगठन सरकार से लगातार यह मांग कर रहे हैं कि प्राकृतिक गैस को भी जीएसटी के दायरे में ले आया जाए। अगर प्राकृतिक गैस ऊपर मौजूदा करके तरफ देखे तो देश के कई राज्यों में प्राकृतिक गैस ऊपर बहुत अधिक टैक्स लगता है। उत्तर प्रदेश में ही प्राकृतिक गैस पर 14.5 फ़ीसदी वैट (VAT) लगाया जाता है। तो वहीं मध्यप्रदेश और गुजरात में भी क्रमसः 14 और 15 फ़ीसदी वैट लगाया जाता है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में प्राकृतिक गैस ऊपर 24 फ़ीसदी से अधिक वैट लगाया जाता है।

पेट्रोल डीजल आ सकते हैं जीएसटी के दायरे में

इसके अलावा बजट 2022 में पेट्रोलियम उत्पादों के भी जीएसटी के दायरे में शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही है। क्योंकि प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल के उद्योगों द्वारा लगातार यह मांग किया जा रहा है कि पेट्रोल डीजल और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में शामिल किया जाए। यह मांग इसलिए और ज्यादा की जा रही है क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पर्यावरण के अनुकूल इंधन के हिस्सेदारी को बढ़ावा देने का लगातार बात करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दृष्टिकोण से यह लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2030 तक देश में प्राकृतिक गैसों की हिस्सेदारी को 15 फ़ीसदी तक बढ़ा लिया जाए। बात अगर मौजूदा वक्त की करें तो इस वक्त देश में प्राकृतिक गैसों की हिस्सेदारी महज 6.2 फ़ीसदी ही है।

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