CAA Rules: जिस कानून पर मचा बवाल, 20 माह के बाद भी नहीं हुआ तैयार, गृह मंत्रालय ने 6 महीने की मांगी मोहलत
CAA Rules: नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के नियम को बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्यसभा और लोकसभा की समितियों से छह महीने का और समय मांग है।
CAA Rules: नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के नियम को बनाने के लिए गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Lok Sabha) की समितियों से छह महीने का और समय मांग है। गृह मंत्रालय (Home Ministry) का कहना है कि अब तक नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) का नियम तैयार नहीं हो पाया है, इसे बनाने के लिए 6 महीने का और वक्त लगेगा। मंत्रालय ने यह बात संसद में चल रहे सत्र के दौरान कही।
जानकारी के मुताबिक, संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय से कुछ सवाल किए गए, जिसका जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि सीएए का कानून बनाने के लिए 9 जनवरी 2022 तक का समय मांगा है। लोकसभा में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई (Congress leader Gaurav Gogoi)की ओर से प्रश्न किया गया कि, "केंद्र सरकार ने क्या सीएए के नियमों को लेकर उसे नोटिफाई करने की कोई अंतिम तारीख तय कर पाई है? अगर हां, तो वो तारीख क्या है और अगर तय नहीं किया है, तो अब तक क्यों नहीं तय हो पाया है? "
गृह मंत्रालय ने कांग्रेस नेता गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) के सवाल का जवाब देते हुए कहा, "नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के नियम को 12 दिसंबर 2019 को नोटिफाई किया जा चुका है और ये पिछले साल से ही कानून का रूप ले लिया है। लेकिन इस कानून के तहत नियम तैयार करने के लिए राज्यसभा (Rajya Sabha) और लोकसभा (Lok Sabha) की समितियों से 9 जनवरी 2022 तक का समय मांगा गया है।"
आपको बता दें कि 2019 में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) पेश किया था। इस एक्ट के तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध के समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता हासिल करने की मंजूरी दी जाएगी। इन्हें अवैध प्रवासी के रूप में नहीं रखा जाएगा। यदि इन समुदायों के पास जन्मस्थान का कोई प्रमाण पत्र नहीं है, तो इन्हें 6 साल के बाद भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।